वायरल ऑडियो के 25 दिन बाद पद से हटाया..
दमोह। कुछ महीने पूर्व भारतीय जनता पार्टी की नई जिला कार्यकारिणी के गठन का ऐलान जिला भाजपा अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी ने किया था। जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल समर्थक नेताओं को प्रमुखता से जगह मिली थी। जबकि पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया समर्थक अधिकांश नेताओं को किनारे कर दिया गया था। इधर नए जिला पदाधिकारियों की प्रदेश स्तर के नेताओं से सीधी बात होते रहने से एक दूसरे की जानकारी ऊपर तक पहुंच रही थी।
इस बीच करीब महिने भर पूर्व युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के साथ नवनियुक्त मीडिया प्रभारी की बातचीत का ऑडियो वायरल होने से चर्चाओं का बाजार सरगम उठा। और इसके बाद हाशिए पर चले गए मीडिया प्रभारी कबिश सिंघई को करीब 25 दिन बाद अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटाकर सह प्रभारी को मीडिया प्रभारी बना दिया गया।
जिसके बाद आज कबीश सिंघई ने चौंकाने वाला बयान देकर सभी को हैरान कर दिया है। उनका कहना है की पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया से संबन्ध व समर्थक होने का खामियाजा उनको भुगतना पड़ा है। इस संदर्भ में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी चर्चा करने की बात कही है। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि पद से हटाए जाने के बाद ही वह यह सब बातें क्यों कर रहे है इसके पहले भी इस तरह का बयान दे सकते थे।
युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से मीडिया प्रभारी की बातचीत का ऑडियो हुआ था वायरल..
दरअसल जिला भाजपा की कार्यकारणी के गठन के बाद युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई थी। तथा युवा मोर्चा अध्यक्ष बनने की होड़ में एक नया नाम बजरंग दल के पूर्व संयोजक संभव सिंघई का भी सामने आया था। पूंजीपति परिवार से संबंध रखने वाले संभव जहां अपने आर्थिक साधनों के जरिए जिला भाजपा के पदाधिकारियों से नजदीकी बढ़ाने में लगे हुए थे वही भाजपा के मीडिया प्रभारी बनाए गए कबीश सिंघई के युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे से नजदीकी संबंधों का लाभ उठाने में जुटे हुए थे।
लेकिन सरल स्वभावी कबीश को यह नही पता था कि उनके द्वारा अभिलाष पांडे से संभव को लेकर की जा रही सिफारिश की ऑडियो वायरल हो जाएगी और उसका खामियाजा उनको अनुशासनहीनता के आरोप में मीडिया प्रभारी के पद की कुर्बानी देकर चुकाना पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि उक्त ऑडियो वायरल होने के बाद युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष अभिलाष पांडे कबिश पर सबसे अधिक खफा थे। तथा उनकी तरफ से कबीश सिंघई पर कार्रवाई करने के लिए दबाव भी सबसे अधिक बनाया जा रहा था।
जिस ऑडियो के वायरल होने की वजह से कबीश को मीडिया प्रभारी के पद से हटाया गया उसी ऑडियो में जिस संभव सिंघई की सिफारिश की जा रही थी उस के पोस्टर और फ्लेक्स इन दिनों शहर में लगे हुए है। जिनमे वह जिला भाजपा अध्यक्ष और पदाधिकारियों के साथ गणेश उत्सव और पर्यूषण पर्व की बधाई देता नजर आ रहा है। साफ है कि युवा मोर्चा के अध्यक्ष की दौड़ में भाजपा के नेता उसे अभी भी बनाए हुए हैं। तथा वह भाजपा के विभिन्न आयोजनों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। कहा जा रहा है कि आर्थिक सक्षम होने से नेताओं को उससे किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है।
कबीश को मीडियो प्रभारी पद से हटाए जाने के बाद कुछ कुछ अखबारों में आए बयान जहां चर्चाओं में है
वही वह अभी तक क्यो चुप्पी साधे रहे यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने पूर्व मंत्री जयंत मलैया के समर्थक होने का खामियाजा भुगतने जैसे बयान दिए हैं। लेकिन इससे भी उनको फायदा कम और नुकसान अधिक होने की संभावना है। वैसे भी विद्यार्थी परिषद के समय से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से कबीश के सीधे संबंध रहे है। ऐसे में जानकार यह कहने से भी नहीं चूक रहे हैं इसी का खामियाजा उसको भुगतना पड़ा है तथा सीधी रिपोर्टिंग से बचने के लिए कबीश को मीडिया प्रभारी के पद से हटाकर एक तीर से कई निशाने साधे गए हैं..राजेन्द्र अटल
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व्यक्ति को पार्टी का सगा होना चाहिए व्यक्ति विशेष का नहीं और जिस व्यक्ति की वो सिफारिश कर रहे थे वो भी जैन समाज का था ये साफ सुनाई दे रहा था इसलिए जातिवाद झलक गया,
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