लोकायुक्त ने सहायक पेंशन अधिकारी को पकड़ा..
जबलपुर/इंदौर । मप्र में लोकायुक्त की लगातार कार्यवाही के बावजूद रिश्वतखोरी का खेल बदस्तूर जारी है। सितंबर के पहले ही दिन लोकायुक्त टीम के जाल में एक के बाद एक दो रिश्वतखोरो के फसने के मामले सामने आए है। सुबह इंदौर लोकायुक्त ने धार जिले में एक एएसआई को 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था। ये मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था की शाम को जबलपुर से सहायक पेंशन अधिकारी के रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर सामने आ गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने टीआई स्वप्निल दास के नेतृत्व में जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित जिला पेंशन शाखा में पदस्थ सहायक पेंशन अधिकारी चैतन्य सराफ को 19 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। शिक्षा कार्यालय पाटन में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी रवि मिश्रा की शिकायत पर लोकायुक्त द्वारा यह ट्रेस कार्यवाही की गई। बताया जा रहा है कि सहायक पेंशन अधिकारी चैतन्य सराफ ने रवि मिश्रा से सातवे वेतनमान आयोग के अनुमोदन के लिए 38 सेवा पुस्तिका हेतु प्रति पुस्तिका 500 रु के हिसाब से 19 हजार रु रिश्वत की मांग की गई थी।
जिसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त एसपी से किये जाने के बाद आज यह कार्रवाई की गई। सहायक पेंशन अधिकारी चैतन्य सराफ पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई यह जाने के बाद अब लोकायुक्त ने संपत्तियों की जांच भेज शुरू कर दी है।
सुबह इंदौर लोकायुक्त ने ASI को 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था..
इंदौर/ धार। इंदौर लोकायुक्त की टीम ने बुधवार सुबह धार जिले में पहुंचकर कार्रवाई करते हुए पुलिस के एक एएसआई को ₹30000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि मारपीट के एक मामले में रिपोर्ट में नाम नहीं जोड़ने तथा धाराएं नहीं बढ़ाने के नाम पर ₹30000 मांगे जाने की शिकायत के बाद कार्यवाही करते हुए इंदौर लोकायुक्त टीम ने बुधवार को संदला बस स्टैंड पर एएसआई किशोर सिंह टांक को रंगे हाथों पकड़ने के बाद कार्रवाई की गई थी।
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परंतु दमोह रिश्वत खोरी चरम पर है
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