सुनार नदी में फंसी सभी 8 भैंसों को निकाला गया
दमोह। नरसिंहगढ़ के समीप सुनार नदी के बीच में कल शाम से फंसी 8 भेसों को बाहर निकालने के लिए आज सुबह से एसडीआरएफ टीम द्वारा फिर से रेस्क्यू शुरू किया गया। लेकिन नदी के तेज बहाव और चट्टानों के ऊपर जमीन भैंस के अंगद जैसे पांव की वजह से उन्हें टस से मस करना मुश्किल साबित होता रहा बाद में एक गोताखोर की मदद से फिर भैंसों की नैया रेस्क्यू करते हुए पार लगाई गई।
अमावस की रात के अंधकार की वजह से कल शाम बंद कर दिए गए यम वाहिनी रेस्क्यू को नरसिंहगढ में आज सुबह एसडीआरएफ टीम के प्लाटून कमांडर विद्वान चौधरी के नेतृत्व में नदी के दोनों तरफ से फिर से शुरू किया गया। लेकिन नदी के तेज बहाव और गहराई की वजह से रेस्क्यू प्रभावित होता रहा बाद में बचाव टीम के सदस्य भेंसौ के पास तक तो पहुंच गए लेकिन वह अपने स्थान से के टस की मस होने को भी तैयार नहीं हुई।
दरअसल जिस जगह पर अंगद के पैर की तरह जमें रहकर इन यम वाहनियों ने मौत को मात दी थी वह रेस्क्यू टीम के अनजान सदस्यों पर भरोसा नहीं कर पा रही थी। जबकि टीम के सदस्य दिलीप तिवारी अशोक कुमार एवं महफूज खान भैंसो के करीब पहुंच कर उनको किनारे की तरफ ले जाने कोशिश कर रहे थे। लेकिन टीम की यह सारी कोशिश भैंस के आगे बीन बजाने जैसी साबित हुई।
उल्लेखनीय है कि कल रात में भैंसों को निकालने की कोशिश प्लाटून कमांडर प्राची दुबे के नेतृत्व में पहुंची टीम ने की थी। लेकिन रात व अंधकार हो जाने की वजह से टीम को वापस लौटना पड़ा था। वहीं आज सुबह करीब 6 घंटों के प्रयासों के बाद सभी भेसियों को सुरक्षित बचा लिया गया। नदी किनारे पहुंचते ही सभी भैंस बिना किसी का शुक्रिया अदा किए जहां अपनी राह चल पड़ी वही भैंस मालिकों के चेहरों की रौनक वापस लौटने के साथ यह सभी रेस्क्यू टीम तथा रघुवीर रैकवार का शुक्रिया अदा करते नजर आए। नरसिंहगढ़ से शकील मोहम्मद की रिपोर्ट
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