नाबालिग आदिवासी किशोरी के साथ दोहरी ज्यादती
दमोह। जिले के तेंदूखेड़ा थाना अंतर्गत एक नाबालिग आदिवासी किशोरी के साथ दुष्कर्म की दोहरी वारदात सामने आई है। पहले आरोपी ने उसका यौन शोषण किया और कुछ दिन बाद उसके दोस्त ने। इसके बाद भय और लोकलाज के कारण परिजनों ने पीड़िता को मामा के घर भेज दिया। लेकिन यहां भी आरोपियों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और उसका अपहरण करने की कोशिश की जिसके बाद बीती रात आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
पीड़िता से प्राप्त जानकारी के अनुसार धनगौर गांव निवासी सुरेन्द्र खरे ने करीब 15 दिन पहले नाबालिग आदिवासी किशोरी के साथ दुष्कर्म की बारदात को अंजाम दिया था। घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जिससे भयभीत किशोरी ने किसी को भी घटना नही बताई। जिससे बलात्कारी के हौसले बुलंद हो गये। आठ दिन बाद 30 जून को आरोपी के दोस्त गोविन्द पाठकर ने पीड़िता को हवस का शिकार बनाया। जिस पर लड़की ने परिजनों को आपबीती सुनाई। जिस पर उन्होंने आरोपियों के परिजनों को उनके कारनामे की जानकारी दी। जिस पर उनको दोबारा ऐसी गलती नही करने का भरोसा दिलाया गया। वही लोकलाज और भय के चलते परिजनों ने रिपोर्ट करने के बजाय किशोरी को उसके मामा के घर भाट खमरिया भेज दिया।
मंगलवार शाम पीड़ित परिजन नाबालिक को लेकर तेंदूखेड़ा थाने पहुंचे। यहां जहां घटना की विस्तृत जानकारी पुलिस को दी गई। तेन्दूखेड़ा थाना प्रभारी सुषमा श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर घटना के दो नामजद आरोपियो राजकुमार पाल तथा गोविंद पाटकर के विरुद्ध धारा 367(1) के साथ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि घटना के मुख्य और प्रथम आरोपी सुरेंद्र खरे को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं तथा उसका नाम भी f.i.r. में नहीं है जबकि पीड़िता द्वारा सर्वप्रथम सुरेंद्र खरे के द्वारा ही जाति किए जाने की बात कही गई है।
तेंदूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट
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