पिटाई के बाद दर दर भटका दलित पीडित परिवार
दमोह। हटा थाने में जमीन के कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचे एक दलित कमजोर परिवार के साथ बेरहमी से पिटाई कर लहूलुहान करके भगा दिए जाने का घटनाक्रम सामने आया है। मामला हटा के कुछ मीडिया कर्मियों के संज्ञान में आने पर स्थानीय पुलिस घटनाक्रम को घुमाकर जिम्मेदार एएसआई का बचाव तथा पीड़ित को ही गुनहगार बताती नजर आ रही है। इधर शाम को यह मामला संज्ञान में आने पर एसपी डीआर तेनीवार ने जांच कार्रवाई की बात कही है।
पीड़ित पक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार हटा तहसील मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर विनती गांव निवासी अस्सू अहिरवार अपनी पत्नी सुनीता व दो मासूम बेटियों पूजा व वर्षा के साथ बुधवार की सुबह 7 बजे हटा पुलिस थाना पहुंचा था। जहां वह अपने भाईयों से जमीनी विवाद की रिपोर्ट करना चाहता था, जैसे ही वह थाना के अंदर गया तो विनती बीट प्रभारी एएसआई इद्रराज सिंह ने उन्हे देखते ही गालियां देना प्रारंभ कर दिया। इसके बाद भी पीड़ित पक्ष के थाने से नहीं जाने पर एएसआई का गुस्सा भड़क उठा तथा उन्होंने अस्सु अहिरवार की लाठियां से पिटाई कर दी। मासूम बेटिया पिता को बचाने आगे आई तो उन्हे भी पीटा गया। इस दौरान बुजुर्ग के पत्नी को भी पीटने के साथ मां बहन एक करते हुए गाली गलौज की गई। और उनकी जमीन कब्जे की रिपोर्ट दर्ज किए बिना ही थाने से भगा दिया गया।
अस्सू ने बताया कि मेरा परिवार काम की तलाश में महानगर में रहता है, तो यहां पर मेरे भाईयों ने मेरे हक की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है, हक मांगने पर मारपीट और विवाद करते है, वो साधन सम्पन्न होने तो पुलिस भी उन्ही की भाषा सुनती है, शिकायत करने आये तो पुलिस ने मेरे परिवार को बेरहमी से पीटा है। पीडित की पत्नी सुनीता ने बताया कि जिस पुलिस वाले ने मारपीट की है वह आये दिन गांव में आता है और कहता है कि तुम्हारा परिवार बदचलन है, उसने आज मेरे साथ भी मारपीट की है पीठ पर निशान देखे जा सकते है।
पीड़ित की पत्नी की तरह दोनों बेटियों ने बताया कि सुबह जैसे ही थाना के अंदर गये तो अपनी शिकायत कर ही नहीं पाये इसके पहले ही वह एएसआई गालियां देने लगा एवं पापा को लाठी से मारने लगा, हमने रोते हुए पापा को बचाने का प्रयास किया तो उसने हमें भी लाठी से पीट दिया एवं हाथ पकडकर बाहर निकाल दिया। पीडित परिवार मीडिया के साथ न्याय की गुहार लगाता हुआ एसडीओपी भावना दांगी के निवास पर पहुंचा जहां उन्होने पीडित परिवार का पक्ष सुना एवं उन्हे पुनः थाना भेजकर टीआई को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
मामले में हटा टीआई मनीष मिश्रा का कहना है कि पीडित अस्सू के विरूद्ध भी पूर्व में तीन प्रकरण दर्ज है। इस तरह का थाने के अधिकारी पीड़ित को ही गुनाहगार ठहराने की कोशिश में लगे हुए हैं। वही एएसआई द्वारा की गई मारपीट के गुनाह को छिपाने के लिए उपरोक्त मारपीट का दोषारोपण उन पर किया जा रहा है जिनकी वह जमीनी कब्जे की रिपोर्ट करने गया था। ऐसे में अब दलित कमजोर परिवार को एसपी द्वारा दिए गए जांच कार्रवाई के आश्वासन की उम्मीद बची है। हटा से संजय जैन की रिपोर्ट
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