अवैध खनन करते जेसीबी व ट्रैक्टर ट्राली पकड़ी गई..
दमोह। नरसिंहगढ़ व आसपास के क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन के हालात सामने आ रहे है। इसके बावजूद खनिज विभाग से लेकर स्थानीय पुलिस की उदासीनता के चलते जेसीबी आदि के जरिए धड़ल्ले से नदी व पहाड़ी का सीना छलनी करके खोखला किया जाता रहा है।
ताजा मामला गुरूवार को सामने आने पर नरसिंहगढ़ चोकी पुलिस द्वारा अवैध खनन में लगी एक जेसीबी के साथ मुरम से भरी ट्रैक्टर ट्राली को पकड़कर चोकी के बाहर खड़ा कराया गया है। लेकिन मामले में क्या कारवाई की गई तथा यह जेसीबी व ट्रैक्टर ट्राली किसकी है इयकी जानकारी नहीं दी जा रही है।
कोरोना से महिला की मौत के बाद जेबरात गायब..
दमोह। जिला अस्पताल में कोरोना काल में शुरू हुआ मनमर्जी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। कोवडि काल में विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान की गई उपयोगी सामगी में से अनेक सामान के कथित तौर पर गायब होने के बाद अब मृतक मरीजों की कीमती सामग्री के गायब होने के मामले भी सामने आने लगे है। ताजा मामला एक महिला की मौत के बाद उसका गाईड लाईन के अनुसार अंतिम संस्कार कराए जाने के दौरान उसके जेबरातों को गायब करा देने का सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नापतौल विभाग में भृत्य आमचैपरा निवासी जय सिंह आदिवासी की पत्नी आशा रानी गौड़ की जिला अस्पताल में 23 अपै्रल की रात कोराना के इाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद उसका शव परिजनों को देने के बजाए अगले दिन उसकी अंत्येष्टि कोरोना गाईड लाईन के अनुसार जटाशंकर मुक्तिधाम में अस्पताल से सीधे शव भेजकर करा दी गई थी। परंतु आशारानी द्वारा पहने गए जेबरात उसके पति या परिजनों को नहीं सौपे गए थे। बाद में जिला अस्पताल से किन्हीं श्रीमती मधु मैडम ने फोन करके जयसिंह आदिवासी को पत्नी के जेवर ले जाने का कहां था। फोन पर उन्होंने बताया था कि जेवर वार्ड में सिस्टर डीपी के पास रखे हैं लेकिन जब वह जेवर लेने के लिए जिला अस्पताल पहुंचा तो उसे पहले यहां वहां की बातें बता भटका रहे हैं।
सिविल सर्जन ममता तिमारी से लेकर कलेक्टर एसपी को शिकायत कर चुके पीड़ित आदिवासी जय सिंह आदिवासी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती के दौरान उसकी पत्नी सोने की माला 20 मोती सोने के कानों के टॉप सोने के, नाक की सोने की फुलिया, चांदी की दो चूड़ियां, चार बिछिया थी। वह अनेक बार अस्पताल के चक्कर लगा चुका है लेकिन उसकों पत्नी के जेवर नहीं दिए जा रहे है। जिससे परेशान होकर मुख्यमंत्री से लेकर कोविड प्रभारी मंत्री तक गुहार लगाकर उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत भेज अब कोर्ट की शरण लेने को मजबूर होने की बात कहीं है।
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