ऑक्सीजन प्लांट लगने से पहले सप्लाई लाइन चोरी
दमोह जिला अस्पताल में चोरी उठाई कि नहीं होना कोई नई बात नहीं है ताजा मामला ऑक्सीजन प्लांट की सप्लाई लाइन की तांबे की पाइप चोरी होने का सामने आया है सीसीटीवी कैमरे में चोरी की इस वारदात की रिकॉर्डिंग हो जाने तथा इसकी खबर सामने आने के बाद अन्य मीडिया कर्मी अस्पताल पहुचकर घटना की जानकारी लेते नजर आए। वहीं पुलिस ने कार्यवाही करते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी को पकड़कर तांबे की पाइप बरामद कर ली है। हालांकि पुलिस ने मामले का अभी खुलासा नहीं किया है।
इस दौरान प्रबंधन करने के बाद सिविल सर्जन ममता तिमोरी जहां पुलिस को शिकायत करने की बात करती नजर आई। जबकि कोतवाली टीआई सत्येंद्र सिंह का कहना था कि सीसीटीवी में जॉननजारा है इस शख्स की पहचान करके उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शाम को पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर तांबे की छड़ को भी बरामद कर लिया गया था। उल्लेखनीय है कि अस्पताल के सुरक्षा इंतजामों पर हर महीने लाखों रुपए की राशि खर्च की जाती है इसके बावजूद चोरी उठाई गिरी की बार जाता है नहीं रुकने की पीछे कहीं ना कहीं लापरवाही कही जा सकती है।
बाढ़ ग्रस्त पुल से बेरोक टोक निकलते रहे वाहन..
दमोह। इस बार नौतपा के दौरान झमाझम बारिश होने से लोगों को जहां तेज गर्मी और लू से राहत मिल गई थी वही मानसून के पहले ही प्री मानसून की दस्तक के साथ हुई जोरदार बारिश ने नदी नालों को लबालब कर दिया है। बरसों बाद ऐसा मंजर सामने आया है जब मानसून के पहले ही अनेक सड़क मार्ग बंद हो गए फिर भी लोग रिस्क लेकर बाढ़ ग्रस्त पुलों पर से वाहन निकालते रहे।
दमोह जिले से बहने वाली सुनार कोपरा ब्यारमा आदि नदियों के साथ नालों के उफान पर रहने से जून के 12 वे दिन जिला मुख्यालय का पथरिया से घंटों से संपर्क टूटा रहा। सुनार नदी के बेल खेड़ी पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने के बाद दोनों तरफ अनेक वाहनों के साथ सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रही तथा लोग नदी का जलस्तर घटने का इंतजार करते रहे इस दौरान कुछ वाहन चालक बाढ़ ग्रस्त पुल से अपने बाहर निकालने का खतरा उठाते हुए भी नजर आए। इसी तरह खर्रा घाट के समीप ब्यारमा में नदी के उफान पर रहने से इमलिया घाट के पास का नाला ओवर होकर खतरे के निशान से ऊपर बहता रहा। यहां की जो तस्वीर सामने आई है उसमें कुछ मिनट पहले तक पुराना पुल सूखा पड़ा था वही 10 मिनट बाद पुल के ऊपर से बाढ़ का पानी बहने से लोगों को घंटो तक जलस्तर घटने का इंतजार करना पड़ा।
जिले के अन्य क्षेत्रों में भी नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदी के बीच से आवागमन करने वालों मुख्य मार्ग का सहारा लेना पड़ा वही नदी किनारे रहने वाले लोग अभी से तनावग्रस्त देखें जबकि पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रमुख पुलों पर बेरियल आदि नहीं लगवाए जाने से बाढ़ ग्रस्त पुलों का उपयोग करते नजर आए।
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