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भैंस के आगे बीन बजा कर निजी स्कूलो को खुलवाने के लिए शासन का ध्यान आकर्षित कराया.. अशासकीय शिक्षकों ने 15 महीनों से बन्द निजी स्कूलों को खोलने गाईड लाईन जारी करने की मांग की.. कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करके 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा..

 भैंस के आगे बीन बजा कर निजी स्कूल खोलने मांग

 दमोह। मप्र में कोरोना संक्रमण में कमी के साथ अनलॉक प्रक्रिया के बावजूद अशासकीय विद्यालयो को खोले जाने के निर्देश अभी तक जारी नही किये गए हैं जिसको लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कराने प्रांतीय आवाहन पर दमोह जिले के संगठन द्वारा प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

अशासकीय प्रांतीय शिक्षण संस्था संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट परिसर में भैंस के साथ पहुंचकर बीन बजा कर प्रदर्शन करते हुए 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर के प्रतिनिधि को सौंपा गया। जिसमे कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए छात्रों की संक्रमण से सुरक्षा के मापदंड तय करके निजी विद्यालयों को क्रमशः स्थिति के अनुसार खोले जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किए जाने की मांग की गई है।



 विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अलावा स्टाफ का भी टीकाकरण कराए जाने, कक्षा नर्सरी/पहेली से बारहवीं तक के विद्यार्थी जहां अध्ययनरत हैं वह सत्र में वही रहे सिर्फ पूर्ण शुल्क जमा उपरांत स्थानांतरण के प्रकरणों को छोड़कर किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश ना दिए जाने एवं मैपिंग ना किये जाने, जब तक अशासकीय विद्यालय सुचारु रुप से प्रारंभ ना हो बैंकों के ऋण राशियों को ब्याज मुक्त एवं बाद में जमा करने की सुविधा दिए जाने, सभी राजस्व, विद्युत, परिवहन आदि विभागों वेबसाइट दरों से संधारित राशियों को घरेलू दरों पर पुनः निर्धारण कर समायोजित करने,


अशासकीय विद्यालयों द्वारा उनकी परिस्थितियों अनुसार वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था ऑनलाइन व्हाट्सएप मोहल्ला कक्षाएं प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण एवं अन्य से शिक्षण की अनुमति दिए जाने, RTE कि सत्र 2020-2021 एवं पूर्वर्ती वर्षों के शेष शुल्क प्रतिपूर्ति समस्त जिलों में राशि जारी करवाकर तरह एवं पूर्ण रूप से करने, पूर्व से संचालित विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण हेतु 5 वर्ष की मान्यता मात्र आवेदन के आधार पर पूर्व परिस्थितियों के आधार पर प्रदान करने हाईकोर्ट के आदेश अनुसार अशासकीय विद्यालयों के बालकों के मध्य शुल्क जमा ना करने से संबंधित समस्याओं के निराकरण विद्यालय स्तर पर ही करने के दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई है


इसी तरह धारा 27, धारा 28 हेतु प्रतिवर्ष जमा की जाने वाली शुल्क को 2000 से घटाकर पूर्वक 200 रुपये करने एवं सत्र 2020-21 एवं 2001 का स्पाइस के अभी बाहर से मुक्त करने की मांग ज्ञापन में की गई है। अशासकीय शिक्षकों का कहना है कि विगत 15 माह से विद्यालय बंद है और ऑनलाइन कक्षाओं में सबसे ज्यादा दिक्कत RTE के विद्यार्थी, अभिभावकों एवं मध्य वर्गीय विद्यार्थी व अभिभावकों को आती है। अतः विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त मांग पत्र के अनुसार राज्य शासन से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने शासन से अपील की गई है। 


इस हेतु समस्त अशासकीय विद्यालय संचालक एजुकेट होकर सहभागिता कर सामूहिक प्रयास करने की अपेक्षा भी की गई है। उपरोक्त मांग करने वालों में प्रदेश अध्यक्ष दीपक ओझा, प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम शंकर शर्मा, अजय तिवारी, श्रीमती रेखा दवे, प्रीतम सिंह दांगी, ज्ञान प्रकाश शर्मा, प्रांतीय सह सचिव प्रदीप दुबे, प्रांतीय कोषाध्यक्ष महेंद्र शाह, प्रांतीय मीडिया प्रभारी नरेंद्र राठौर, प्रांतीय शो. मी. प्रभारी अमित आचार्य, प्रांतीय प्रवक्ताज्ञानेंद्र दुबे आदि शामिल रहे।

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