भाजपा जिला महामंत्री रमन खत्री भी अस्थाई जेल पहुंचे..
दमोह। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार का दंश पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के समर्थकों को झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है श्री मलैया को मिले नोटिस और उनके बेटे तथा भाजपा के पांच मंडल अध्यक्ष पर निष्कासन की कार्रवाई के बाद अब उनके बचाव में उतरने वाले नेता शायद पुलिस के टारगेट पर हैं। ऐसे ही कुछ हालात में नवनिर्वाचित विधायक अजय टंडन की शपथ ग्रहण के पूर्व भाजपा जिला महामंत्री रमन खत्री का कोरोना कर्फ्यू उल्लंघन मामले में अस्थाई जेल जाना अब चर्चा का विषय बन गया है।
कोरोना केसों की संख्या में कमी के साथ दमोह में पुलिस की सख्ती और चालानी कार्रवाई बढ़ती ही रही है। वही शाम के वक्त तहसील ग्राउंड पर घूमने के लिए जाने वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। मंगलवार शाम भाजपा के जिला महामंत्री रमन खत्री सहित दर्जन भर से अधिक लोग पुलिस की मनमानी कार्यवाही के शिकार होकर पुलिस वाहन में बैठकर अस्थाई जेल जाने को मजबूर होते नजर आए। मामले में कोतवाली टीआई सत्येंद्र सिंह का कहना था कि ग्राउंड पर अनावश्यक घूमने वाले लोगों के खिलाफ अस्थाई जेल भेजने की कार्रवाई की गई है वही इस संदर्भ में दमोह के नवागत एसपी डीआर तेनीबार भी पुलिस कार्रवाई का समर्थन करते नजर आए है।
मामले में रमन खत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर स्पष्ट किया है कि वह जिला भाजपा कार्यालय के समीप अपनी स्कूटी खड़ी करके तहसील ग्राउंड पैदल घूमने जा रहे थे। इस दौरान कोतवाली टीआई सत्येंद्र सिंह से उनकी बात और मुलाकात हुई और इससे कुछ देर बाद टीआई साहब पुलिस बल के साथ तहसील ग्राउंड पहुंच गए जहां पैदल घूमने वालों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस वाहन से अस्थाई जेल ले जाया गया। भाजपा जिला महामंत्री का साफ तौर पर कहना था इस कार्रवाई में टीआई साहब के निशाने पर वह स्वयं थे। लेकिन उन्होंने विरोध करने के बजाए चुपचाप पुलिस वाहन में बैठकर अस्थाई जेल जाना स्वीकार कर लिया जिससे बात बढ़ नहीं पाई।
पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के करीबी नेता है रमन खत्री
भाजपा के जिला महामंत्री रमन खत्री शुरू से ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया के करीबी माने जाते हैं। वही दमोह उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह की करारी हार के बाद प्रदेश भाजपा संगठन द्वारा पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को नोटिस और उनके बेटे तथा पांच मंडल अध्यक्षों के निष्कासन की कार्यवाही की गई थी। जिसके बाद उपरोक्त निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग को लेकर महामंत्री रमन खत्री सबसे पहले आगे आए थे और उन्होंने पत्रकार वार्ता करके प्रदेश संगठन से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। इधर 21 मई को कांग्रेस के नव निर्वाचित विधायक अजय टंडन की शपथ ग्रहण के पूर्व सामने आया यह घटनाक्रम अब राजनीतिक हलकों में चटकारे के साथ चर्चा का विषय बना हुआ है। तथा यह भी कहा जाने लगा है कि रमन के बाद किसका नंबर आएगा.. पिक्चर अभी बाकी है
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पूरे शहर में लोग दिन भर घूम रहे लगता नहीं लाकडाउन हैं और ठिलिया वालों पर कार्यवाही हो रही
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