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दमोह में भाजपा की डगमग नैया को सम्हालने विष्णु शिवराज के साथ प्रह्लाद भी घूमे गली गली.. आज सिंधिया के साथ दिखेगी जुगलबंदी.. इधर चुनाव में नहीं है कोरोना शादी विवाह में क्यों है रोना की.. तख्तियां दिखा कर सीएम के सामने विरोध प्रदर्शन..

 भाजपा की डगमग नैया को सम्हालने गली गली घूमे शिवराज

दमोह। विधानसभा उपचुनाव की उलटी गिनती चालू होने के साथ भाजपा की डगमग नैया को संभालने के लिए विष्णुदत्त शर्मा के साथ शिवराज, प्रहलाद, गोपाल, भूपेंद्र भी जुटे गए हैं। इधर आज से सिंधिया का भी सहारा लिया जाना है इसके बावजूद राहुल की राह कैसे आसान होगी उसको लेकर अब भाजपा में ही संसय के हालात बनने लगे हैं। ऐसे में चुनाव में नहीं है कोरोना, शादी विवाह में है क्यों रोना के नारेबाजी के साथ मुख्यमंत्री के सामने हुआ विरोध प्रदर्शन और चुनाव बहिष्कार की धमकी अब चर्चा का विषय बन गया है।
दमोह विधानसभा उपचुनाव में भाजपा शिवराज और प्रहलाद के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए राहुल सिंह लोधी की जीत का गणित जमाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा 10 दिन से दिन रात एक कर रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी बार दमोह आकर विभिन्न समाज संगठनों से जुड़े लोगों के घरों में जाकर समीकरण को भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश सोमवार को दोपहर से देर रात तक करते रहे। 

मुख्यमंत्री की इस मेहनत का फल राहुल लोधी के खाते में कितना जाएगा इसका पता 2 मई को चुनाव परिणाम के साथ लगेगा लेकिन कोरोना काल में शादी विवाह आयोजनों पर प्रतिबंध से परेशान टेंट डीजे वालों के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के सामने तख्तियां लहरा कर उमा मिस्त्री की तलैया के बाहर देर तक विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बदले में उन्हें पुलिस की धक्का-मुक्की का शिकार भी होना पड़ा। 
"चुनाव में नहीं है कोरोना, शादी विवाह में है क्यों रोना" के नारों के साथ किया गया विरोध प्रदर्शन चारों ओर चर्चा का विषय है। क्योंकि विरोध करने वाली विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की भी धमकी दे रहे है। वहीं अधिकांश टेंट व्यवसाई भाजपा से ही जुड़े बताए जा रहेे हैं।
मुख्यमंत्री का डोर टू डोर फेस टू फेस कितना असर दिखाएगा
 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल सहित भाजपा केे नेताओं का दमोह के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न वर्ग समुदाय के लोगोंं के साथ बैठक मेल मिलाप कार्यक्रम कितना असर दिखाएगा इसको लेकर भी लोग चर्चा करतेेे नजर आ रहे है। क्योंकि इस दौरान पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन का भाव साफ तौर पर देखने को मिला है।

दरअसल दमोह विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा लोधी वर्सेज अन्य के मुद्दे को हवा देने से ब्राह्मण, जैन, राजपूत, यादव, कुर्मी, कुशवाहा, सिंधी समाज पिछड़ा वर्ग जैसे पुश्तैनी वोट बैंक के दूर होनेे की चिंता के चलते भाजपा जहां विभिन्न समाजोंं  के सम्मेलन कर चुकी है वही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दिन रात एक करते हुए अकेले ऐसे नेता रहे हैं जो खुद चुनाव लड़ते हुए नजर आए हैं। अब मुख्यमंत्री भी विभिन्न वर्ग समुदाय केे लोगों के बीच पहुंचकर अपनत्व जता चुके है। यहा तक की वह मसीही समाज के बीच भी जा चुके है। लेकिन मुस्लिम समाज के बीच भाजपा ने अभी तक एक भी आयोजन नहीं किया है। जबकि भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ भी है और उसके अध्यक्ष पदाधिकारी भी सक्रिय हैं। वही सिख समाज के बीच मुख्यमंत्री के नही पहुंचने की वजह भी किसी की समझ में नहीं आ रही है। जब कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत छाबड़ा से लेकर वर्तमान महामंत्री रमन खत्री इसी वर्ग से है। 
देखना होगा इस डोर टू डोर का कितना असर आम वोटरों पर पड़ता है। क्योंकि जिन समाजसेवियोंं के यहां जाने का कार्यक्रम तय किया गया था वह भले ही मुख्यमंत्री से फेस टू फेस और सेल्फी के जरिए मुस्कुराते नजर आएं लेकिन जिनके यहा पर सीएम नहीं पहुंच पाएं उनके चेहरे तमतमाते रहे है। वैसेे भी मुख्यमंत्री का डोर टू डोर दमोह दौरा सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल की पसंद पर बनाया गया है ऐसे में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के समर्थक एक बार फिर उपेक्षित होते नजर आए है। जिसे लेकर वह सोशल मीडिया पर कमेंट करने से भी नहीं चूक रहे हैं।
रात्रि विश्राम के लिए विमान से दिल्ली वापस जाएंगे सिंधिया..
इधर भाजपा के स्टार प्रचारक पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया 2 दिन के प्रवास पर दमोह चुनाव में आ रहे हैं लेकिन खास बात यह है कि मंगलवार को प्रचार सभा के बाद वह अभाना से जबलपुर के रास्ते हवाई जहाज से रात में वापस दिल्ली लौट जाएंगे और अगले दिन फिर दिल्ली से फिर भोपाल के रास्ते दमोह आएंगे। 
ऐसे में सवाल यही उठता है क्या श्री सिंधिया के हिसाब से मध्य प्रदेश तथा दमोह का माहौल कोरोना काल में रात्रि विश्राम के लायक नहीं है जो है सिर्फ रात्रि विश्राम के लिए विमान से दिल्ली जाएंगे और फिर अगले दिन वापस दमोह आएंगे। इधर रविवार को हेलीकॉप्टर से 4 सभाएं करने वाले भाजपा के एक अन्य स्टार प्रचारक पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया सोमवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में क्यों नजर नहीं आए इसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
मुख्यमंत्री भी दमोह रात्रि विश्राम से क्यों बचते रहे हैं..
दमोह विधानसभा उपचुनाव के दौरान चौथी बार दमोह आने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दमोह में रात्रि विश्राम करने से बचते रहे हैं पिछली बार वह बांसा में सभा के बाद हेलीकॉप्टर से वापस भोपाल लौट गए थे वही अगले दिन फिर हेलीकॉप्टर से दमोह आ गए थे इसी तरह सोमवार को दिनभर दमोह में रहने के बाद रात्रि में वह कार से सागर रवाना हो गए बताया जा रहा है कि राहतगढ़ में रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को है फिर वापस दमोह पहुंच जाएंगे।
सिंधिया के स्वागत में प्रहलाद के पोस्टर चर्चाओं में..

आमतौर पर पोस्टर बाजी के प्रचार से दूर रहने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के पोस्टर कट आउट वाली तस्वीर भी आज नजर आई है। दरअसल यह पोस्टर पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दमोह आगमन के मौके पर स्वागत मार्ग पर लगाए गए हैं। जिस से साफ होता है कि श्री पटेल के समर्थक यह दिखाना चाहते हैं कि श्री सिंधिया का उनके क्षेत्र में स्वागत बंदन का जोरदार इंतजाम किया गया है। क्योंकि वह अच्छे से जानते हैं फिलहाल मप्र में  मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता सिंधिया के समर्थन से ही प्रशस्त हो सकता है। और पटेल की सीएम बनने की महत्वाकांक्षा को भी लोधी विधायकों के दलबदल और उनको फिर से टिकट के बाद सिंधिया के खास स्वागत से जोड़कर देखा जा रहा है। पिक्चर अभी बाकी है.. अटल राजेन्द्र जैन

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