दमोह उप चुनाव के पहले तेज हुई गैर राजनीतिक घमासान
दमोह। दमोह विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के पूर्व रेत को लेकर चल रहे तकरार में राहुल V/S सिद्धार्थ समर्थकों के खुलकर सामने आ जाने के बाद कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जिला प्रशासन के साथ राहुल सिंह मुर्दाबाद की गूंज भी सुनाई दी। वही राजनीतिक के चतुर खिलाड़ी की तरह राहुल सिंह मुर्दाबाद के नारे लगाने वालों के आरोपो को नकारने के साथ उनकी पैरवी करते हुए नजर आए।
दमोह जिले में रेत खदानों का ठेका लेने वाली मूसा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा एक बार फिर बाहर से रेत परिवहन करने वाले वाहनों के खिलाफ अपने निजी कर्मचारियों तथा पुलिस प्रशासन की मदद से मुहिम छेड़ रखी है। जिससे कटनी से रेत लाने वालों की गाड़ियां के खिलाफ लगातार ओवरलोडिंग की कार्रवाई की जा रही है। जिसको लेकर पूर्व में भी प्रशासन को ज्ञापन देकर आंदोलन की चेतावनी दे चुके दमोह के ट्रक डंपर मालिक रेत कारोबारियों ने 15 मार्च को ट्रकों की हड़ताल करते हुए कलेक्ट्रेट के बाहर आकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इधर आरोप-प्रत्यारोप के बीच मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन राहुल सिंह का बयान भी सामने आया है। जिसमें उन्होंने रेत कारोबारियों के आरोपों को नकारते हुए स्वयं को उनका हिमायती बताया है। राहुल सिंह का कहना है आज ही उनके पास में रेत व्यापारी आए थे जिनको उन्होंने पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था। तथा वह रेत ठेकेदार के ना तो पक्ष में है और ना ही कोई संरक्षण दे रहे हैं। वहीं उन्होंने बिना किसी का नाम लिए आगामी उपचुनाव के मद्देनजर इस तरह के अन्य हालात भी सामने आने की आशंका जताई है।
वहीं प्रशासन ने इनको खुला समर्थन देते हुए खनिज नाके स्थापित करने की खुली छूट देने के साथ मनमानी की भी खुली छूट दे दी। जिससे राहुल सिंह के साथ प्रशासन के खिलाफ भी खिलाफ रेत कारोबारियों को मुर्दाबाद के नारे लगाने का अवसर मिल गया। ऐसे अन्य भी लोग हैं जो राहुल के भाजपा में चले जाने के बाद सोशल मीडिया पर कटीले शब्द बाण चढ़ाकर चलाकर बेबाक टिप्पणियां करने से नहीं चूकते थे। लेकिन जैसे ही राहुल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया वैसे ही इनके बेबाक बोल बदलते भी देर नहीं लगी। तथा अब यह लोग सोशल मीडिया पर राहुल की तारीफ की कसीदे गढ़ने के साथ शिवराज और मोदी की क्रिटिसाइज करने में कोई कसर छोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। समय रहते राहुल ने यदि ऐसे लोगों से किनारा नहीं किया तो आगामी उपचुनाव में उन्हें किनारे लगाने में इन लोगों की भूमिका पर भी सवाल उठते देर नहीं लगेगी.. पिक्चर अभी बाकी है
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