सुबह मोक्ष कल्याणक के बाद दोपहर में गजरथ फेरी
दमोह। पालीटेक्निक परिसर में 10 से 18 फरवरी तक वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन फेरी के साथ संपन्न हो गया।जबलपुर नाका जैन मंदिर मैं पंचमेरू जिनालय निर्माण अवसर पर नौ दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन गुरुवार को प्रातः बेला में भगवान आदि नाथ का मोक्ष कल्याणक मनाया गया इस अवसर पर कैलाश पर्वत से आदि प्रभु की मोक्ष जाने की क्रियाओं का सजीव चित्रण देखकर उपस्थित श्रावक जनों की आंखें नम होती रही।
इस दौरान वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज का भावपूर्ण संबोधन भी सभी को सुनने मिला। प्रतिष्ठाचार्य आशीष अभिषेक शास्त्री ने भगवान के मोक्ष चले जाने के बाद उनके नख तथा केस को अग्निकुमार देवों द्वारा अंतिम संस्कार का भावपूर्ण चित्रण किया। महोत्सव के महा पात्रों के साथ इंद्र इंद्रियों ने मोक्ष कल्याणक पूजन करने के बाद विश्व शांति महायज्ञ हेतु हवन किया। जिसके बाद प्रतिष्ठित सभी प्रतिमाओं को श्रावक जनों के द्वारा अपने सिर पर रखकर जबलपुर नाका जैन मंदिर ले जाया गया। जहां स्थापना सहित अन्य क्रियाएं आचार्य श्री और मुनि संघ के सान्निध्य में संपन्न कराई गई।
सभी का अंतिम लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना होना चाहिए... आचार्यश्री
आचार्य श्री ने कहा मंदिर बनती है बनना भी चाहिए लेकिन मन को मंदिर बनाएं तभी कल्याण होगा जहां सब के कल्याण के भाव होते हैं वहाँ जन्मजात बेरी अपना भेद भाव छोड़ देती है और मित्रता का व्यवहार करने लगते हैं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा आदि धार्मिक आयोजन आत्मा की कल्याण के लिए होना चाहिए लेकिन इसी के साथ इन आयोजनों से आपसी प्रेम पढ़ना चाहिए परिचय होना चाहिए और सामाजिक समस्याओं का हल निकलना चाहिए आयोजन इसी के लिए किए जाते हैं सामाजिक समस्याओं का हल स्वयं समाज को खोजना चाहिए अदालत के द्वार नहीं खटखटाना चाहिए यदि भगवान भी कटघरे में खड़े हो जाएंगे तो इंसान की क्या दशा होगी इसलिए सामाजिक समस्या पंचायत सुलझाए तो समाज की और धर्म की लाज बची रहेगी एवं गरिमा बनी रहेगी । अभिजीत जैन की रिपोर्ट
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