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तीन पंचायतो की हैरान कर देने वाली तीन तस्वीरें.. भूरी-बिजौरी में चल रहा अनोखा सीसी निर्माण कार्य.. निमरमुंडा पटेरा में गड्ढे के नाम निकल गई कुआ की राशि.. समदई तेजगढ़ में मुफ्त के मटेरियल से जारी लाखों का खकरी निर्माण..

 तीन पंचायतो की हैरान कर देने वाली तीन तस्वीरें..

दमोह। पंचायती राज व्यवस्था के तहत कराए गए करोड़ों अरबों के अधिकांश  कामों के हालात "आगे पाठ पीछे सपाट" जैसे हो कर रह गए हैं। इन हालातों से जिला पंचायत  से लेकर जनपद के अधिकारी भी अच्छी तरह से वाफिक हैं। लेकिन इन पर रोक लगाना किसी के बस की बात नहीं है।  दूसरी ओर घटिया कार्यों की पंचायत स्तर से लेकर जिला एवं प्रदेश स्तर तक शिकायतें और सूचना अधिकार तहत जानकारी का भी पंचायत बार रेट फिक्स हो जाने जैसे हालात किसी से छिपे नहीं है। ऐसे में  अपने हाथ जगन्नाथ की कहावत को चरितार्थ होते भी नेक पंचायतों में आसानी से देखा जा सकता है। फिलहाल यहां हम बात कर रहे हैं दमोह के तीन जनपद क्षेत्रों की 3 ग्राम पंचायतों के वर्तमान हालात की। 

भूरी-बिजौरी में चल रहा अनोखा सीसी निर्माण कार्य..

जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी में करीब 2 दर्जन ग्राम पंचायतें स्थित है। सबसे अधिक खराब हालात निर्माण कार्यों के मामले में इन्हीं पंचायतों में पहली नजर में देखने को मिलते हैं। इन दिनों भूरी ग्राम पंचायत में सीसी सड़क निर्माण के कुछ कार्य चल रहे हैं। जिनका निर्माण अनोखे अंदाज में ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। मौके पर सरपंच सचिव से लेकर उपयंत्री तक की अनुपस्थिति यह समझने को काफी है कि सब कुछ पहले से तय है। महज निर्माण कार्य की औपचारिकता पूरी की जा रही है। बताया जा रहा है कि यहां पर करीब 12 से 15 लाख राशि मे चार-पांच छोटी सीसी रोड बनना है। जिनके कार्य को ना अधिकारी गंभीरता से ले रहे हैं और ना पंचायत के प्रतिनिधि। की हालात इसी तरह के हालात समिति बिजौरी ग्राम पंचायत में निर्मित सीसी रोड व अन्य कार्यो के रहे हैं। हाल ही में यहां पर लाखो की बाउंड्री वाल भी तैयार की गई है। जिस की स्थिति रंग रोगन हो जाने के बाद भी छिप नहीं पा रही है। ऐसे ही हालात अथाई, मारूताल सहित आसपास की अन्य पंचायतों में भी बने हुए है। लेकिन एक बार में सबके हाल बता पाना संभव नहीं है।

गड्ढे को कुआं बताकर 56 हजार की राशि आहरित..!

पंचायत के हालातों की दूसरी यह तस्वीर पटेरा जनपद के निमरमुंडा ग्राम पंचायत की है। यहां के निवासी गरीब किसान कन्हैया मिश्रा बीमारी की वजह से इलाज कराने के लिए नागपुर गए थे। जहां से गरीब 6 महीने बाद लौट कर वापस गांव पहुंचे तो पता लगा उनके खेत में जल संग्रहण के लिए पहले से उनके द्वारा खुदबाए गए गड्ढे को कुआं बताकर सरपंच सचिव की मिलीभगत से 56000 रुपये की राशि फर्जी मस्टरों के जरिए आहरित कर ली गई। कुछ अन्य भूमिहीन लोगो के नाम पर भी कागजों में कुआं खुद जाने के मामले भी सामने आए है। हाल ही में मामले की शिकायत कलेक्टर तक पहुंचने के बाद जांच तथा कार्यवाही का आश्वासन शिकायत कर्ताओं को दिया गया है। यहां पर मशीनों से तालाब खुदाई से लेकर तालाब से निकली मिट्टी से ग्रेवल सड़क निर्माण का कारनामा भी पंचायत प्रतिनिधि कर चुके है।

समदई में मुफ्त के मटेरियल से बन रही लाखों की खकरी

तेंदूखेड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत समदई तेजगढ़ में करीब आठ लाख की लागत से खखरी का निर्माण कार्य कराए जाने की जानकारी सामने आई है। खास बात यह है कि खकरी निर्माण कार्य में आसपास के जंगली क्षेत्रों से एकत्रित किया गया पत्थर और  गिट्टी के रूप में कत्तल व जंगल की मुरम के साथ मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इस संदर्भ में रोजगार सहायक धर्मेंद्र यादव का कहना है 800 रुपये मीटर में यह खकरी निर्माण कराया जा रहा है 1000 मीटर का निर्माण होना है। अर्थात कम रेट का हवाला देकर गिने-चुने मजदूरों के जरिए यह काम कराया जा रहा है। जबकि कार्य मजदूरी के मास्टर और निर्माण सामग्री के बिल कुछ और ही गाथा बयान करने की चर्चा जानकार करते नजर आ रहे हैं। 

कुल मिलाकर प्रतिदिन लंबी दूरी के क्षेत्र भृमण पर निकलने वाले कलेक्टर श्री तरूण राठी यदि नजदीकी ग्राम पंचायतों में अचानक पहुंचकर निर्माण कार्यों का जायजा लेने लगे तो उनको यह हकीकत समझ मे आ जाएगी की ग्रामीण इलाकों में निर्माण विकास के वास्तविक हालात वैसे नहीं है जैसे जिला जनपद के अधिकारी उन्हें फोटोग्राफ्स और वीडियो के जरिए बताते रहते हैं। वहीं घटिया अधूरे फर्जी कार्यो का मूल्यांकन करने वाले उपयंत्रियों पर भी यदि कार्रवाई की गाज गिरने लगे तो पंचायत के कार्यो में आधा सुधार नजर आने लगेगा। चार जनपद की चार पंचायतों के ताजे हालात की अपडेट के साथ जल्द मिलते है। पिक्चर अभी बाकी है.. 

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