तेंदूखेड़ा के 2 किसानों की खुदकुशी के बाद राजनीति गरमाई..
भोपाल/ दमोह। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा क्षेत्र में एक के बाद एक दो किसानों की खुदकुशी के घटनाक्रम ने मप्र के राजनीतिक माहौल में जहां उबाल ला दिया है वहीं कांग्रेस को बैठे-बिठाए प्रदेश सरकार के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। जबकि भाजपा के साथ प्रशासन द्वारा भी पीड़ित किसानो के परिजनों को मुआवजे की मलहम लगाने का प्रयास किया जा रहा है जो नाकाफी साबित हो रहा है।
दमोह जिले की तेंदूखेड़ा थाना अंतर्गत बेलवाड़ा गांव में शुक्रवार को किसान रूप लाल अहिरवार का शव खेत में लगे पेड़ पर फांसी के फंदे पर झूलता मिला था। यह मामला की सुर्खियों में था कि शनिवार को इसी गांव के खिलान आदिवासी का शव पेड़ पर फांसी के फंदे पर झूलता मिला। दोनों किसानों की मौत के मामले में उनके कर्ज में डूबे होने फसल खराब हो जाने सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिलने जैसे हालात सामने आए हैं। शनिवार को पूर्व विधायक पूर्व कांग्रेस नेता प्रताप सिंह ने खिलान के परिजनों से मुलाकात कर जहां सांत्वना देते हुए न्याय का भरोसा दिलाया था वहीं भाजपा विधायक धर्मेंद्र लोधी ने भी दोनों किसानों की परिजनों की मुलाकात कर प्रशासनिक सहायता के तौर पर 25 25 हजार की राशि के चेक दिए थे तथा विधायक अनुदान निधि की राशि से आर्थिक मदद का भरोसा दिलाते हुए तहसीलदार एवं एसडीओपी को दोनों घटनाओं की निष्पक्ष जांच करके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
एक के बाद एक दलित और आदिवासी वर्ग के दो छोटे किसानों की खुदकुशी से बेलवाड़ा गांव में जहां मातम पसरा हुआ है वही गांव के हालात बता रहे है की चुनाव के समय वोट पाने के लिए तरह-तरह के सब्जबाग दिखाने वाले नेताओ ने जनप्रतिनिधि बनने के बाद गांव की ओर दोबारा रुख नहीं किया। भले ही इस क्षेत्र का जन प्रतिनिधि केंद्र सरकार में मंत्री हो लेकिन उनने भी किसानों हालात की कभी सुध नहीं ली।
शुक्रवार को रूपलाल की खुदकुशी का मामला सामने आने के बाद दूसरे दिन कोई भी अधिकारी घटना की जांच करने गांव नहीं पहुंचा था। जबकि शनिवार को फिर एक किसान की मौत का मामला सामने आ गया था। जिसके बाद अब जिम्मेदार हालात पर पर्दा डालने के प्रयास में लग गए हैं।
मप्र कांग्रेस ने 4 सदस्यी जांच समिति का गठन किया..
भोपाल। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा के बेलवाड़ा गांव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दो किसानों की खुदकुशी के घटनाक्रम के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने 4 सदस्य जांच कमेटी का गठन करते हुए 1 सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने मप्र कांग्रेस कमेटी की ओर से चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।
जांच कमेटी में पूर्व विधायक प्रताप सिंह, द्वारका प्रसाद सिंह, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, तेन्दूखेड़ा, सुनील आनन्द, अध्यक्ष कांग्रेस अनु. जाति विभाग, दमोह और उद्देत अहिरवार, पतलोनी को शामिल किया गया है। इनसे सम्पूर्ण घटनाक्रम का प्रतिवेदन सात दिवस में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल को प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करके शिवराज सरकार पर निशाना साधा है तथा मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या जारी रहने पर शिवराज सरकार के किसान हितैषी होने के दावों पर कटाक्ष किया है।
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