केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को विभिन्न हालातों से क्यो अनजान रखे हैं उनके प्रतिनिधि और खास सिपाहसलार..? साल भर से स्ट्रीट लाइट बंद होने से अंधेरे में डूबे ओवर ब्रिज के समीप.. सरदार पटेल प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन समारोह आज..
यहाँ अंधेरे में डूबा ब्रिज वहा होगा भूमि पूजन समारोह..
दमोह। दमोह सांसद प्रहलाद पटेल के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उनका ध्यान संसदीय क्षेत्र की विभिन्न मूलभूत समस्याओं की ओर नहीं पहुंच पाना सामान्य बात कही जा सकती है लेकिन उनके प्रतिनिधियों द्वारा आम जनता से जुड़ी महत्वपूर्ण समस्याओं और प्रशासनिक अनदेखी को लेकर उनका ध्यान आकर्षित कराने क्यों पहल नहीं की जा रही यह इस खबर का महत्वपूर्ण पहलू है।
हम बात कर रहे है सागर नाका पर करीब 3 साल पहले 43 करोड़ की लागत से तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया की पहल पर आनन-फानन में तैयार करवाए गए सरदार बल्लभ भाई पटेल ओवर ब्रिज की। जिसकी स्ट्रीट लाइट पिछले एक साल से बंद पड़ी हुई है। दरअसल संबंधित अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत हिरदेपुर को स्ट्रीट लाइट का जिम्मा सौंपा दिया था। लेकिन लाखों रुपए का बिल पंचायत कहां से भरेगी इसका कोई इंतजाम नहीं किया गया था। नतीजन कुछ माह बाद ही ओवर ब्रिज की स्ट्रीट लाइट का बिल बढ़ते बढ़ते लाखों रुपए में पहुंच गया। और विद्युत मंडल द्वारा साल भर पूर्व इस ओवर ब्रिज का स्ट्रीट लाइट कनेक्शन काटने में कोई संकोच नहीं किया गया। तभी से यहां पर इसी तरह का अमावस की काली रात की तरह शाम ढलते ही अंधकार छा जाता है।
चूंकि जिस समय विद्युत मंडल में ओवरब्रिज की स्ट्रीट लाइट काटी थी उस दौरान प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी और
राहुल सिंह विधायक थे तथा उनके लोग नगर पालिका से लेकर विभिन्न डिपार्टमेंटली कार्यों की जुगाड़मेंट में जुटे हुए थे। ऐसे में इस ओवर ब्रिज की बन्द कर दी गई स्ट्रीट लाइट की बजह से फैले अंधेरे की ओर ध्यान देने का समय भी किसी के पास नहीं था। वहीं भाजपा ने भी इस मामले में विपक्ष की भूमिका का निर्वाहन करना और प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराके लाइट चालू करवाने के लिए दबाव बनवाना आवश्यक नहीं समझा।
जबकि यह ब्रिज प्रदेश में भाजपा की सरकार के दौरान स्थानीय विधायक और वित्त मंत्री जयंत मलैया की पहल पर ही रिकॉर्ड समय में लागत से कम राशि में बनकर तैयार कराया गया था। यह बात अलग थी कि इसके उद्घाटन में इतनी ज्यादा जल्द बाजी की गई थी कि रेल मंत्री के आने का भी इंतजार नहीं किया गया था। जिससे दमोह वासी महत्वपूर्ण रेल सुविधाओं की सौगात से वंचित रह गए थे और आज भी बने हुए हैं। इधर प्रदेश में शिव राज सरकार की वापसी के बाद भी पूर्व वित्तमंत्री समर्थक और भाजपा नेताओं का ध्यान ओवर ब्रिज के अंधकार की ओर एक भी बार नहीं गया।
इधर निष्कासन के बाद कांग्रेस में पुनः वापसी करके किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नियुक्त होते ही नितिन मिश्रा ने अपनी टीम के साथ 7 अक्टूबर की रात ओवरब्रिज की स्ट्रीट लाइट चालू कराने के मुद्दे को लेकर मशाल आंदोलन के साथ प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर ध्यान आकर्षित कराया था। इसके बाद एक सप्ताह का अल्टी मेटम देकर पुनः मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को ज्ञापन के साथ आंदोलन की चेतावनी दी। लेकिन कलेक्टर से लेकर किसी भी अधिकारी ने कांग्रेसियों के ज्ञापन प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लिया और नवरात्रि पर्व में भी ओवर ब्रिज अंधेरे में डूबा रहा।
अब जबकि 31 अक्टूबर 2020 को केंद्रीय मंत्री और दमोह सांसद श्री प्रहलाद पटेल ओवरब्रिज के समीप सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन करने जा रहे हैं ऐसे में फिर यह सवाल उठना लाजमी है.. कि क्या श्री पटेल की जानकारी में एक साल में एक बार भी है मामला नहीं आया होगा.. ? कि ओवर ब्रिज की स्ट्रीट लाइट एक साल से बंद पड़ी हुई है ..? तथा प्रशासन इन्हें चालू कराने ना कोई ध्यान दे रहा है.. ? और ना कोई पहल कर रहा है.. ? यदि श्री पटेल वास्तव में ओवर ब्रिज की स्ट्रीट लाइट बंद होने के हालात से अभी तक अनजान रहे हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके प्रतिनिधि तथा उनके इर्द-गिर्द हमेशा सक्रियता दर्ज कराने वाले लोग उन्हें कभी भी इस तरह की जनहित की समस्याओं से अवगत कराना भी आवश्यक नहीं समझते..
यहां उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत द्वारा बिल नहीं भरे जाने तथा बाद में स्ट्रीट लाइट का जिम्मा नगर पालिका को सौंपने की बात सामने आई थी। वही स्ट्रीट लाइट को चालू कराने के मामले में कलेक्टर को सीधा हस्तक्षेप करके पहल करना चाहिए थी। क्योंकि वह साल भर से दमोह नगर पालिका के प्रशासक का दायित्व भी संभाले हुए हैं। यदि वह रूचि लेते तो स्ट्रीट लाइट के रोशन होने में देर नहीं लगती। क्योंकि विद्युत मंडल के किसी भी अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं होती कि वह कलेक्टर के निर्देश को नहीं मानते। इधर ग्राम पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट के पुराने बिल को नहीं भरे जाने के मामले का समाधान भी कलेक्टर महोदय चाहते तो जिला पंचायत से किसी भी मद से राशि का समायोजन कराके करा सकते थे। लेकिन यहां भी कोई रुचि नहीं ली गई यह बात भी समझ से परे है..
देखना होगा इस खबर के जरिए पूरा मामला दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल के संज्ञान में लाए जाने के बाद सरदार पटेल ओवरब्रिज की स्ट्रीट लाइट को फिर से चालू कराने तत्काल कार्य वाही की जाती है अथवा नहीं। उसके बाद भी यदि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आने वाले दिनों में यहां सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापना के बाद वह स्थल भी अंधेरे में डूब जाए और कोई परवाह है ना करें। पिक्चर अभी बाकी है.. अटल राजेंद्र जैन
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