जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टरों से गाली गलौज..
दमोह। कोरोना संक्रमण काल में लगातार ड्यूटी और स्टाफ के अभाव जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को तात्कालिक उपचार में विलंब हो ना कोई नई बात नही है। वही ऐसे ही कुछ हालात में गुस्साए एक पुलिसकर्मी द्वारा ड्यूटी डॉक्टर के साथ गाली गलौज करने और डॉक्टर के रिपोर्ट करने कोतवाली पहुंचने पर वहा भी गाली गलौज अभद्रता किए जाने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत डॉक्टर द्वारा कोतवाली में दर्ज कराई गई है वहीं पुलिस ने मामला जांच में लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार रात कोतवाली में पदस्थ एक आरक्षक सिविल ड्रेस में अपनी बेटी को इलाज कराने के लिए लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। जहां उपचार में विलंब होता देख उसका गुस्सा फूट पड़ा और उसने अपना आपा खोते हुए ड्यूटी डॉक्टर से गाली-गलौज शुरू कर दी। दरअसल पुलिसकर्मी की बेटी को किसी जहरीले जीव जंतु ने काट लिया था तथा उसे आशंका थी सर्प आदि ने तो नहीं डस लिया। जिस वजह से उसे इलाज की जल्दी थी। उधर डॉक्टर अकेला होने के साथ पहले से मौजूद एक्सीडेंटल केस अटेंड कर रहा था।
गाली गलौज से आहत डॉक्टर को जब ड्यूटी के दौरान बेज्जती बर्दाश्त नहीं हुई तो वह अपने एक सहयोगी के साथ रिपोर्ट करने कोतवाली पहुंच गए। जहां पीछे से उपरोक्त व्यक्ति क्योंकि पुलिसकर्मी था वह भी कोतवाली पहुंच गया और उसने कोतवाली टीआई व स्टाफ की मौजूदगी में फिर से गालियों की बौछार करते हुए डॉक्टर को झपटने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उपरोक्त पुलिस वाले को पकड़ कर कंट्रोल में किया तथा डॉक्टर साहब को पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। जिस पर डॉ साहब लिखित आवेदन देकर वापस अपनी ड्यूटी पर आ गए।
घटना की जानकारी लगने पर पत्रकारों ने जब डॉक्टर साहब से जानकारी चाही तो उन्होंने खुलकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया तथा दुखी मन से इतना ही कहा वह अपने बेटे को ना कभी डॉक्टर बनाएंगे और ना पुलिस सेवा में भेजेंगे जाएंगे। इधर अस्पताल में डॉक्टरों के साथ इस प्रकार की वारदात दोबारा ना हो उसके लिए डॉक्टर के चेंबर के बाहर अलग से पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाये जाने और एसपी द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर उपरोक्त आरक्षक को सस्पेंड किए जाने की कार्यवाही की भी खबर सामने आई है।
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यही हाल सभी जगह है कोतवाली पुलिस भी तो रिपोर्ट समय पर नहीं लिखती तो दूसरों से उम्मीद क्यों करती
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