अवैधानिक गतिविधियां संचालन पर थाना प्रभारी पर कार्यवाही
दमोह पुलिस थाना क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैधानिक गतिविधियां यदि संचालित होते पाई गई तो संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी पर कार्यवाही की जाएगी यह बात पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान ने जिले के समस्त पुलिस अधिकारियों की क्राइम बैठक में संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में जुआ, सट्टा, अवैध शराब, आईपीएल सट्टा जैसे किसी भी प्रकार के अपराध संचालित ना हो इन पर समस्त थाना प्रभारी सतत निगरानी रखते हुए इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के पुराने फरार अपराधियों एवम वारंटीयों पर भी सतत निगरानी रखते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास करें।
समीक्षा बैठक के दौरान श्री चौहान ने प्रत्येक थाना के लंबित अपराधों के बारे में बिंदु बार विचार विमर्श किया तथा लंबित अपराधों में शीघ्र ही कार्यवाही करने के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पुलिस सतत निगरानी रखें एवं गश्त भी पूर्णरूपेण करें जिससे चोरी एवं अन्य अपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी। बैठक के दौरान समस्त एसडीओपी, थाना प्रभारी उपस्थित रहे।
मडियादो थाना प्रभारी के विरुद्ध पंजीबद्ध करने का आदेश...
हटा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आर पी सोनकर ने मडियादो थाना प्रभारी अरविंद सिंह के विरुद्ध शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में उपेक्षा लापरवाही एवं अनुशासनहीनता बरतने के कारण उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 187 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करने परिवाद पत्र तैयार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दमोह को भेजने का आदेश पारित किया है..
प्राप्त जानकारी के अनुसार हटा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आरपी सोनकर के न्यायालय में मडियादो थाने के एक प्रकरण में अभियुक्त कमलेश की नियमित जमानत का आयोजन दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के अंतर्गत प्रस्तुत हुआ जो कि आवेदन क्रमांक 173/ 2020 पर दर्ज किया गया। न्यायाधीश महोदय ने इस प्रकरण में मडियादो थाना प्रभारी को 12/10/20 को डायरी प्रस्तुत करने का आदेश दिया। लेकिन थाना प्रभारी द्वारा न्यायालय के आदेश पर जो डायरी न्यायालय में प्रस्तुत की गई वह अपूर्ण थी। न्यायाधीश ने अवलोकन किया कि डायरी में अभियुक्त कमलेश का गिरफ्तारी पंचनामा नहीं था और ना ही थाना प्रभारी का प्रतिवेदन संलग्न था। इस प्रकरण में सुधार हेतु थाना प्रभारी को केस डायरी कंप्लीट कर 13/10/ 2020 को डायरी प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।
न्यायालय के आदेश पर थाना से प्रस्तुत की गई डायरी में जो प्रतिवेदन था अभियुक्त कमलेश के बजाय मुकेश का था। डायरी तैयार करने में फिर लापरवाही की गई, इस प्रकार न्यायालय के समक्ष थाना प्रभारी अरविंद सिंह की लापरवाही एवं शासकीय कार्य में अनुशासनहीनता प्रथम दृष्टता दिखाई दी। थाना प्रभारी को नोटिस जारी किया गया एवं डायरी में सुधार हेतु निर्देशित किया गया। किंतु निर्धारित समय पर 13 अक्टूबर सायं 5 बजे तक थाना प्रभारी अरविंद न तो उपस्तित हुए और ना ही उन्होंने डायरी में कोई सुधार कर प्रस्तुत किया। इस प्रकार नोटिस सूचना प्राप्त होने के उपरांत भी थाना प्रभारी द्वारा केस डायरी प्रस्तुत नहीं की गई। जिस पर संज्ञान लेते हुए द्वतीय ए डी जे श्री सोनकर ने आदेश पारित किया कि न्यायालय के कार्य में लोक सेवक के नाते थाना प्रभारी अरविंद सिंह ने विघ्न बाधा पहुंचाई एवं न्यायालय की सहायता ना करने के लिए लोपकरित किया। जबकि थाना प्रभारी न्यायालय की सहायता के लिए विधि द्वारा आवद्ध थे।
इस प्रकार थाना प्रभारी द्वारा सम्यक रूप से प्राप्त आदेश की अवहेलना की गई और ऐसा करके उन्होंने कर्तव्य निर्वहन में उपेक्षा लापरवाही एवं अनुशासनहीनता की है यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 187 के अंतर्गत प्रथम दृष्टया प्रमाणित है थाना प्रभारी अरविंद सिंह द्वारा न्यायालय के आदेश की अवहेलना पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उपेक्षा एवं अनुशासनहीनता की गई है। जिसके लिए अरविंद सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 187 के अंतर्गत कार्रवाई कर दंडित किए जाने हेतु परिवाद पत्र मय दस्तावेजों के तैयार कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दमोह को भेजा जाए।
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