सुरखी 2013 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशीयो मे मुकाबले की राह पर
भोपाल। मप्र में जबरदस्त कोरोना संकट काल के बीच विधान सभा के उपचुनाव की तैयारियां के साथ भाजपा कांग्रेस के बीच नेताओं की अदला-बदली को लेकर शह और मात का खेल जारी है। आज से शुरू हुए अधिमास के पहले दिन कांग्रेस ने भाजपा की पूर्व विधायक पारुल साहू को अपने पाले में लेकर सुरखी विधानसभा के उपचुनाव के आगामी मुकाबले की तस्वीर को लगभग साफ कर दिया है।
भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में भाजपा की पूर्व विधायक पारुल साहू ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान श्री कमलनाथ ने इसे पारुल की घर वापसी बताया। उनका कहना था कि इनके पिता कांग्रेस के विधायक व पदाधिकारी रहे है। जबकि भाई पहले से ही कांग्रेस में है। ऐसे में यह पारुल की घर वापसी है। श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर तीखे हमने बोलते हुए उनको हर जगह नारियल लेकर साथ में चलने वाला बताया।
उल्लेखनीय है कि 5 माह पूर्व सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी तथा शिवराज सरकार का गठन हो गया था। जिसके बाद शिवराज मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में सुरखी के पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत को जहां कैबिनेट मंत्री बनाया गया था वही उनका उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरना तय हो गया था। ऐसे में तभी से पूर्व विधायक भाजपा नेत्री पारुल साहू का पार्टी से मोहभंग होने शुरु हो गया था। जो आज उनकी कांग्रेस में शामिल होने के साथ साफ हो गया है।अब आगामी उपचुनाव में सुरखी विधानसभा क्षेत्र में 2013 के प्रत्याशीयो के बदले हुए हालात में आमने-सामने के मुकाबले उतरने की पूरी संभावना बन गई है। लाला की भाजपा को सत्ता में रहते हैं उम्मीद नहीं थी कि पारुल साहू पार्टी का दामन छोड़ देंगे शायद यही वजह थी कि उन्हें मनाने की कोशिश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जहां स्वयं की थी वही नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कल ही सागर में साफ कर दिया था आज पारुल भाजपा में है कल का नहीं कह सकते। कुल मिलाकर सुरखी के बदले हुए हालात से जहां कांग्रेसियों का उत्साह दोगुना हो गया है वहीं भाजपा खेमे में फिलहाल सन्नाटे के बादल छाए नजर आ रहे हैं।
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