15 पॉजिटिव रिपोर्ट, 25 ने जीती कोरोना की जंग..
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज की मुत्यु हो जाने के बाद जिले में कोरोना से मृत मरीजों की संख्या दो दर्जन को पार कर गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले हेल्थ बुलेटिन में आज भी मृतक संख्या 19 ही दर्शाई गई है। जो कहीं ना कहीं मृत्यु की जानकारी देने के मामले में छुपाने जैसी स्थिति को उजागर करती है।
दमोह। कोरोना संक्रमण के मामले में 5 सितंबर का दिन उतार-चढ़ाव भरा रहा। आज 15 नए पॉजिटिव केस सामने आने से टोटल कोविड मरीजों की संख्या 776 हो गई वही 25 मरीजों के स्वस्थ्य होने से कोरोना की जंग जीतने वालों की संख्या 562 तक पहुंच गई है। अभी 500 रिपोर्ट आना बाकी है। एक वरिष्ठ पत्रकार को भोपाल रेफर किए जाने तथा एक बुजुर्ग पुरोहित की पाजेटिव रिपोर्ट आने के पहले ही इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मृत्यु हो जाने की जानकारी भी सामने आई है।दमोह जिले में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार असर दिखा रहा है। आज जो 15 पॉजिटिव रिपोर्ट आई है उनमें फुटेरा वार्ड तीन निवासी एक वरिष्ठ नागरिक मी शामिल है। इधर शाम को पॉजिटिव रिपोर्ट की सूची सामने आने के पूर्व ही दोपहर में इलाज के दौरान उनका निधन हो जाने की जानकारी सामने आई है। यह वरिष्ठ नागरिक प्रकांड पंडित एवं विद्वान पुरोहित रहे हैं। जिन का अंतिम संस्कार रविवार 6 सितंबर प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार हटा नाका मुक्तिधाम में कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज की मुत्यु हो जाने के बाद जिले में कोरोना से मृत मरीजों की संख्या दो दर्जन को पार कर गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले हेल्थ बुलेटिन में आज भी मृतक संख्या 19 ही दर्शाई गई है। जो कहीं ना कहीं मृत्यु की जानकारी देने के मामले में छुपाने जैसी स्थिति को उजागर करती है।
इधर पिछले एक सप्ताह से सर्दी खांसी से पीड़ित एक वरिष्ठ पत्रकार की हालत में सुधार नहीं होने पर शनिवार को जिला अस्पताल लाए जाने पर देर रात एंबुलेंस से भोपाल रेफर किया गया है। बताया गया है कि इनकी जांच में निमोनिया आया था वही जिला अस्पताल में निमोनिया के इंजेक्शन नहीं होने की वजह से परिजन चिरायु भोपाल ले गए है। जहा इनका कोविड टेस्ट किये जाने के साथ अब हालत में सुधार है।
1 Comments
प्रशासन के नियम समझ से परे है एक साधारण MPW पूरी पीएससी सम्भाल रहा और जिले की अधिकांश पीएससी बिना MBBS डाक्टर के संचालित हो रही और कलेक्टर ने आदेश जारी किये कि MBBSके नीचे कोई ईलाज नहीं कर सकता वही दूसरी तरफ रजिस्टर्ड फार्मा सिस्ट जो दवायें दे सकता है उसके अधिकार छीन लिये है, और ये दो महीने वैसे भी सर्दी खांसी बुखार के लिये जाने जाते हैं
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