Ticker

6/recent/ticker-posts
1 / 1

भाजपा में वापसी के बाद पूर्व मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया का जोरदार स्वागत.. कुर्मी छत्रिय समाज संगठन के राजनीतिक उपयोग को बताया गलत.. कहां कांग्रेस में नहीं जाता तो.. सिंधिया जी को भाजपा में कैसे ला पाता..

भाजपा में वापसी पर पूर्व मंत्री कुसमरिया का स्वागत
दमोह। विधानसभा चुनाव के दौरान पथरिया से भारतीय जनता पार्टी की टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज होकर पथरिया तथा दमोह से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के बाद लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने वाले पूर्व मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया की करीब 20 महीने बाद भाजपा में वापसी हो चुकी है। इसके बाद गुरु पूर्णिमा की शाम बाबाजी का अपने गृह क्षेत्र सकोर जाते समय हटा में जोरदार स्वागत अभिनंदन किया गया। इस दौरान वह अपने ही अंदाज में भाजपा के कांग्रेस में जाने और फिर वापस आने की व्याख्या करते नजर आए।
 करीब 20 महीने बाद भारतीय जनता पार्टी में वापसी के बाद पूर्व मंत्री कुसमरिया बाबा का भोपाल से गृह ग्राम सकोर जाते समय हटा में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बाबाजी का अभिनंदन करते हुए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया। दमोह नाका पेट्रोल पम्प, अंधियारा बगीचा पर पार्टी समर्थकों के जोरदार स्वागत के बाद बाबा जी पूर्व विधायक प्रतिनिधि लालचंद खटीक के उमा पैलेस में आयोजित  सम्मान समारोह में पहुंचे। जहा विधायक पीएल तंतवाय, दमोह जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल, पूर्व विधायक उमादेवी खटीक सहित सैकड़ों समर्थकों ने कुसमरिया की वापसी पर फूल माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया और गुरु पूर्णिमा पर गुरु की संज्ञा देकर आत्मयिता प्रकट की। 
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल यह कहने से भी नहीं चुके की बाबाजी भले ही अकेले कांग्रेस में गए थे लेकिन 24/25 विधायकों को लेकर भाजपा में आए हैं। इधर सम्मान से अभिभूत बाबाजी का कहना था वह तन से भले ही कांग्रेस में चले गए थे लेकिन उनकी आत्मा को भाजपा के ही साथ थी। सिंधिया परिवार से जनसंघ के समय से आत्मीय रिश्ता बताते हुए बाबाजी ने जहां राजमाता सिंधिया के सकोर आने और उनके हाथों से ही जनसंघ की सदस्यता लेने की पुरानी यादों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि वह कांग्रेस में नहीं जाते तो सिंधिया जी को भला भाजपा में कैसे ला पाते।
मीडिया से चर्चा के दौरान जब उनका ध्यान दमोह में भाजपा की गुटबाजी की ओर दिलाते हुए पिछले दिनों कुर्मी क्षत्रिय समाज संगठन द्वारा पूर्व मंत्री के खिलाफ ज्ञापन दिए जाने के मामले में सवाल किया गया तो उनका कहना था सामाजिक संगठनों का उपयोग राजनीति करने में नहीं किया जाना चाहिए। 
बाबाजी के भाजपा में वापसी के दौरान जहां हटा के पार्टी नेता काफी खुश नजर आए वही उनके अपने नाती युवराज कुसमरिया की खुशी भी देखते बन रही थी क्योंकि युवराज को परिवार के लोग बाबाजी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखते रहे हैं। अटल राजेंद्र जैन

Post a Comment

0 Comments