किशोरी का शव फांसी के फंदे पर लटकता मिला..
दमोह। जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर नोहटा थाना अंतर्गत बनवार पुलिस चौकी के खेड़ार गांव के जंगल में एक आदिवासी किशोरी का शव संदिग्ध हालात में उसकी ही चुन्नी से पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलते मिलने का दुखद घटनाक्रम सामने आया है। किशोरी के साथ में कोई अनहोनी हुई है या फिर उसने खुदकुशी की है इसका पता पीएम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा।बनवार चौकी पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए जबेरा भेजकर जांच शुरू कर दी है।
बाद में घटना की सूचना मृतका के पिता लालसिंह आदिवासी ने बनवार पुलिस को दी। शाम को चौकी प्रभारी राम लखन दुबे और आरक्षक वीरेंद्र वाडेकर मौके पर पहुंचे तथा पंचनामा कार्यवाही करते हुए शव को पोस्ट मार्टम के लिए जबेरा भिजवाया गया। बताया जा रहा है कि किशोरी मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ-साथ गूंगी तथा बहरी भी थी ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि मानसिक रूप से दिव्यांग किशोरी को अपनी ही चुनरी से फांसी के फंदे पर झूलने की अकल कहां से आ गई ?
फांसी पर झूलती किशोरी के पैर जमीन से सटे होने की स्थिति भी खुदकुशी जैसे हालात को प्रथम दृष्टया संदिग्ध दर्शा रही थी। वहीं ग्रामीणों द्वारा गांव की गरीब दिव्यांग बेटी के साथ अनहोनी की आशंका भी जताई जा रही थी। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद ही मृत्यु के असली कारणों का पता लग सकेगा वही उसके साथ कुछ अनहोनी तो घटित नहीं हुई इसका भी पता लग सकेगा।
फिलहाल बिरसा मुंडा जयंती के दिन गरीब आदिवासी परिवार की बेटी की दुखद मौत में छोटे से गांव में मातम का माहौल बना दिया है वही गरीब परिवार की सुध लेने वाला भी फिलहाल कोई नजर नहीं आ रहा है। परम पिता परमेश्वर मृतका की अंतरात्मा को अपने चरणों में स्थान देते हुए परिजनों को गहन शोक सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति शांति शांति..
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