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दमोह सागर स्टेट हाईवे पर.. पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के पिताजी की दूसरी पुण्यतिथि पर.. प्रवासी मजदूरों के लिए पूड़ी खीर के साथ दिन भर चला विशेष भोज का आयोजन.. लगातार 15 दिनों से गढ़ाकोटा बसस्टेंड पर प्रवासियों के लिए 24 घन्टे चल रहा है भार्गव परिवार का निशुल्क लंगर..

पिता की स्मृति में प्रवासियों की सेवा में जुटे पूर्व मंत्री-पुत्र 
गढ़ाकोटा, सागर। कोरोना संकट काल में सरकार भले ही सबके हित के लिए तत्पर नजर आ रही है लेकिन बडे शहरों में काम करने वाले मजदूर लाॅकडाउन में काम ना मिलने से वापिस अपने घरों को लौट रहे है, घर वापिसी कर रहे इन मजदूरों के सामने दो ही संकट है पहला घर पहुंचने का साधन दूसरा भूख, पैसा जेब में बचा नहीं तो फिर इन संकटों से कैसे उबरा जाये, मजदूरों की इन परेशानियों का हल करने का बीडा उठाया मप्र के पूर्व मंत्री पंडित गोपाल भार्गव और उनके बेटे दीपू भार्गव ने। पिता पुत्र की यह जोडी अपने विधानसभा क्षेत्र सहित अन्य स्थानों के लोगों की सदा मदद करते रहते है लेकिन इस बार जो बीडा उन्होंने उठाया है उसकी सभी लोग मुक्त कंठ से सराहना कर रहे है।
 लगातार 15 दिनों से जारी भार्गव परिवार के 24 घन्टे संचालित इस लंगर में 24 घंटे लाखों लोग शक्कर भोजन करके अपना आशीर्वाद दे चुके हैं वही आज खास वजह थी जब सभी प्रवासियों के लिए पूरी खीर के साथ विभिन्न व्यंजनों को भार्गव परिवार द्वारा तैयार कराया गया था अवसर था पूर्व मंत्री श्री गोपाल भार्गव के पिताजी श्री शंकरलाल जी भार्गव की दूसरी पुण्यतिथि का। इस मौके पर निर्मित होने वाले समस्त पकवानों व्यंजनों पूजन सामग्री को तैयार कराने से लेकर उनको चखने और फिर वितरण करने में पूर्व मंत्री श्री भार्गव और उनके बेटे अभिषेक भार्गव दिन भर लगे रहे।
 पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव एवं उनके पुत्र दीपू भार्गव द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए पिछले 15 दिनों से भोजन पानी की व्यवस्था तो की ही जा रही है वही पैदल चलने वाले मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी इनके द्वारा लगातार जारी है। सागर-दमोह सड़क मार्ग पर बसे गढ़ाकोटा में एक वृहद लंगर लगातार चल रहा है। जिसमें मंत्री पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और उनके पुत्र दीपू द्वारा दर्जनों लोगों के साथ मिलकर मजदूरों को भोजन करवाया जा रहा है, जितने भी वाहन मजदूरों से भरे इस सड़क मार्ग पर निकलते हैं सभी को रोककर भोजन के पैकेट दिए जाते हैं एवं ठंडे पानी के पाउच व बोतलें उनके वाहनों में रखवा दी जाती है, फल, दूध एवं दूध से बने उत्पाद भी इनके द्वारा लगातार बांटे जा रहे हैं। 
भूख से बिलखते बच्चों को रास्ते भर कहीं भी दूध नहीं मिलता हो लेकिन यहां आकर बच्चों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है क्योंकि उन्हें यहां पर पीने के लिए दूध और खाने के लिए बिस्किट मिल जाते हैं। लगातार जारी इस लंगर में अभी तक एक लाख से अधिक मजदूर शामिल हो चुके हैं, पैदल यात्रा कर रहे मजदूरों को पूर्व मंत्री पुत्र द्वारा अपने खर्चे पर वाहन की व्यवस्था कर उनसे मजदूरों को उनके घर भी पहुंचाया जा रहा है। पूर्व मंत्री एवं उनके पुत्र का यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक इस सड़क मार्ग से मजदूर निकलते रहेंगेशुभम अवस्थी की रिपोर्ट

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