लंगर के चार सेवादारों की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव
होम (हवन) करते हाथ जलने की कहावत तो सभी ने सुनी होगी लेकिन यह कहावत गढ़ाकोटा मैं प्रवासी मजदूरों के लिए 15 दिन तक 24 घन्टे संचालित रहे लंगर के दौरान सही साबित होती नजर आई है।
दमोह सागर स्टेट हाईवे पर स्थित गढ़ाकोटा बसस्टेंड पर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव उनके बेटे अभिषेक भार्गव और उनकी टीम द्वारा 11 से 26 मई तक संचालित लंगर में लाख हूं प्रवासी मजदूरों को भरपेट भोजन के साथ शीतल जल सहित बच्चों की जरूरत की सभी सामग्री का ध्यान रखा गया था। लगातार दिन-रात संचालित होते रहे इस लंगर में लाखों प्रवासी मजदूर जहा भोजन करके तृप्त हुए थे। वही उनको रास्ते के सफर के लिए भी कलेवा भोजन सामग्री भेट करने में भार्गव परिवार के साथ सेवादारों की टीम लगी रही थी। 26 मई को दादा शंकर लाल जी की पुण्यतिथि पर विशेष भोज के साथ इस लंगर का समापन किया गया था।
जिसके बाद अभिषेक भार्गव द्वारा स्वास्थ विभाग को सूचना देकर लगातार सेवाभाव में लगे कार्यकर्ताओ की कोविड 19 जांच कराई गई थी। जिनकी 30 मई को आई सेम्पल रिपोर्ट में 4 सेवादारों की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई। जिसके बाद अभिषेक भार्गव द्वारा सभी को अपने आवास पर बुलाकर सागर बीएमसी को सूचना देकर इलाज हेतु रवाना कराया गया। लंगर के इन 4 सेवादारो की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद निर्मित हड़कंप भरे हालत के बीच कुछ शरारती तत्वों द्वारा स्थानीय खबरनवीसों के जरिये गलत तथ्य पेश किए गए। जिसके बाद अभिषेक भार्गव ने यह स्पष्टीकरण देकर हालात से वाफिक कराया है।
हिंदी पत्रकारिता दिवस के दिन सामने आए इस तरह के हालात ग्रामीण पत्रकारिता के हिसाब से निश्चित तौर पर चिंतनीय कहे जा सकते हैं। क्योंकि भार्गव परिवार की सेवा भावना और समर्पण से गढ़ाकोटा दमोह सागर ही नहीं बुंदेलखंड और प्रदेश के चप्पे-चप्पे के लोग वाफिक है। वही राजनीतिक विद्वेष की भावना से वायरल कराए जाने वाली इस तरह की खबरों से मीडिया की जो गलत छवि बनती है उससे भी आमजन वाफिक होते जा रहे हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण काल में लंगर के सेवादारों के कंधे पर बंदूक रखकर बुंदेलखंड के अजय राजनैतिक योद्धा भार्गव परिवार पर निशाना लगाए जाने की राजनीतिक विद्वेष की खबरो का प्रसारण कहा तक उचित है इसका निर्णय हम उन्हीं पर छोड़ते हैं.. अटल राजेन्द्र जैन
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