लॉक डाउन में लाल परी का जादू सर चढ़कर बोला रहा-
पिछले 1 महीने में जिले की अधिकांश शराब दुकानों का स्टाक बिना बिके ही खत्म हो जाने जैसे हालात जहां चर्चा के विषय बने रहे हैं। वहीं कुछ थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई मैं जप्त शराब तथा बाद में रिकॉर्ड में दर्शाई गई शराब की जब्ती में काफी अंतर के आरोप लगाए जाते रहे हैं ऐसा ही एक मामला हटा थाना क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं अब हटा की सिविल अस्पताल परिसर में रविवार रात नशे में हंगामा करते एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि शराबी युवक की नौटंकी ड्रामेबाजी गाली गलौज और हंगामे के दौरान उसके परिजनों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ लगी रही। वही हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी गई थी। जिसके बाद देर रात पुलिस इस शराबी को पकड़कर अपने साथ ले गई थी। लेकिन इसके बाद में इसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई और यह शराबी युवक कौन था इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका है।
दमोह। दमोह जिले में कोरोना वायरस संक्रमण काल के चलते लगातार लाक डाउन को 1 महीने से अधिक का समय हो चुका है इस दौरान लोग बाजार के चाय पान तक को तरसते रहे है। लेकिन नशा करने वालों को बीड़ी, सिगरेट, गांजे से लेकर राजश्री आदि गुटखा पाउच व देसी अंग्रेजी शराब कई गुने महंगे दामों पर उपलब्ध होते रहने के हालात सामने आते रहे हैं। इधर मीडिया की सुर्खियों में इस तरह के मामले सामने आने के बाद हाथ भट्टी से बनने वाली कुचबंदियों आदि की शराब को पकड़कर आबकारी वाले जरूर खानापूर्ति करते रहे है।
बताया जा रहा है कि शराबी युवक की नौटंकी ड्रामेबाजी गाली गलौज और हंगामे के दौरान उसके परिजनों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ लगी रही। वही हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी गई थी। जिसके बाद देर रात पुलिस इस शराबी को पकड़कर अपने साथ ले गई थी। लेकिन इसके बाद में इसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई और यह शराबी युवक कौन था इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका है।
कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन के बीच लोगों को जंहा आवश्यक वस्तुएं नही मिल पा रही वहा शराब जैसी प्रतिबंधित बस्तु लोगो को कहां से मिल रही है यह गंभीर विषय है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अवैध शराब बेचने वाले दो बाइक सवारों का मगरोंन थाने के पुलिसकर्मी के साथ पीछा करने के चक्कर में ग्राम रक्षा समिति का सदस्य एक युवक अपनी जान भी गवां चुका है। इसके बाद भी पुलिस यदि ऐसे संवेदनशील मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही है तो इसे क्या कहा जाए..
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