चौथी बार मप्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली शिवराज ने
वही रात 9:00 बजे राजभवन में राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री चौहान ने अकेले ही शपथ ली है। वही जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कैबिनेट में कमलनाथ सरकार से स्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक आधा दर्जन मंत्रियों के को भी शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। श्री चौहान के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लग जाने के बाद शपथ लेते ही भाजपा समर्थकों में जोश के साथ उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।
भोपाल। मप्र में कोरोना के लॉक डाउन के बीच चैत्र नवरात्रि के ठीक पहले शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा अपने पद से स्तीफा देने और भाजपा विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह के नाम का प्रस्ताव रखने के साथ ही तय हो गया था कि प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री श्री चौहान होंगे।सोमवार शाम भोपाल में आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से शिवराज सिंह चौहान को पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नेता चयन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी संगठन मंत्री सुहास भगत, नरोत्तम मिश्रा सहित अन्य नेताओं की मौजदगी रही।
वही रात 9:00 बजे राजभवन में राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री चौहान ने अकेले ही शपथ ली है। वही जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कैबिनेट में कमलनाथ सरकार से स्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक आधा दर्जन मंत्रियों के को भी शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। श्री चौहान के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लग जाने के बाद शपथ लेते ही भाजपा समर्थकों में जोश के साथ उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि 19 मार्च को मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अगले मुख्यमंत्री के तौर पर श्री चौहान का नाम सबसे पहले सामने आया था लेकिन इस बीच भाजपा खेमे से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर मुख्यमंत्री पद हेतु सहमति की खबरें भी सामने आई थी जो अंत में निराधार साबित हुई।
सोमवार रात राज्यपाल श्री लालजी टंडन द्वारा शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जिससे साफ हो गया कि श्री चौहान को पार्टी विधायक दल का सर्व मान्य नेता चुने जाने के हिसाब से ही श्री तोमर का नाम आगे किया गया था और बाद में जब श्री चौहान के नाम पर सर्वसम्मति बन गई तो उनको विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अटल राजेन्द्र जैन
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