सीएम के तौर पर फिर जताया कमलनाथ पर विश्वास
देहली/ भोपाल/ दमोह। मप्र में नजदीकी बहुमत पर टिकी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को भले ही फिलहाल कोई खतरा नहीं हो लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को दूसरी सीट हासिल करना मुशिकल होता जा रहा है। पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह कि राज्यसभा जाने की राह बेहद मुश्किल भरी हो गई है। यह संकेत हरियाणा के गुरुग्राम से वापस लौटे कांग्रेस के सहयोगी दलों व निर्दलीय विधायकों के बयानों से मिलते नजर आ रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा नेताओ पर कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के आरोप राज्यसभा चुनाव के ठीक पहले लगाने और हरियाणा के गुरु ग्राम स्थित फाइव स्टार होटल से बसपा विधायिका राम बाई को रातों-रात होटल से दो मंत्रियों की अपने साथ लेकर वापस आने का घटनाक्रम 2 दिनों से इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में सुर्खियां बना रहा है। इधर खरीद फरोख्त के आरोपों से घिरे कांग्रेश के सहयोगी दलों के विधायकों द्वारा खरीद-फरोख्त की बात का खंडन करने से इतना तो तय हो गया है कि सहयोगी दलों के विधायक कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयानों से सहमत नहीं है।
दमोह जिला मुख्यालय पर गुरुवार को बसपा विधायक श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह परिहार के बयानों से साफ लग रहा है कि भले ही कमलनाथ की सरकार को कोई खतरा नहीं हो लेकिन राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देने के लिए मप्र सरकार के सहयोगी दल व निर्दलीय विधायक बाध्य नहीं है।
गुरुग्राम के होटल में भाजपा द्वारा विधायकों को बंधक बनाने के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों को नकार कर बसपा विधायक रामबाई ने भाजपा को जहां क्लीन चिट दे दी है वही दिग्विजय सिंह के बेटे प्रदेश के एक अन्य मंत्री के साथ आधी रात को गुड़गांव की होटल से दिल्ली आने वाली रामबाई इस पूरे मामले को लेकर खुद कुछ बताने के बजाए मीडिया को मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी से बयान लेने की सलाह देती दिखी।राज्यसभा में किसको वोट देना है इसका निर्णय बसपा सुप्रीमो मायावती पर छोड़ने तथा भूपेंद्र सिंह के साथ दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या किसी के साथ जाना गुनाह है। जिस फ्लाइट से वे जा रही थी उसी फ्लाइट से वह भी जा रहे थे। उनकी बेटी की तबीयत खराब हो जाने पर उसे देखने के लिए वह दिल्ली गई थी।
कुल मिलाकर गुरु ग्राम की फाइव स्टार होटल से प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों के साथ आधी रात को दिल्ली लौटने के बाद भोपाल पहुंची विधायक रामबाई के दमोह पहुंचने के बाद जो बयान सामने आए हैं उससे लगता है कि दिग्विजय सिंह के खेमे के साथ राज्यसभा चुनाव को लेकर उनकी पटरी नहीं बैठ सकी है। शायद यही वजह है कि हुआ है कांग्रेश का साथ देने के बजाय जहां कमलनाथ का साथ देने की बात पर जोर देती नजर आई वही दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा पर लगाए गए खरीद फरोख्त के आरोपों की अनदेखी करती भाजपा को क्लीन चिट देती नजर आई।
गुरुग्राम के होटल में भाजपा द्वारा विधायकों को बंधक बनाने के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों को नकार कर बसपा विधायक रामबाई ने भाजपा को जहां क्लीन चिट दे दी है वही दिग्विजय सिंह के बेटे प्रदेश के एक अन्य मंत्री के साथ आधी रात को गुड़गांव की होटल से दिल्ली आने वाली रामबाई इस पूरे मामले को लेकर खुद कुछ बताने के बजाए मीडिया को मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी से बयान लेने की सलाह देती दिखी।राज्यसभा में किसको वोट देना है इसका निर्णय बसपा सुप्रीमो मायावती पर छोड़ने तथा भूपेंद्र सिंह के साथ दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या किसी के साथ जाना गुनाह है। जिस फ्लाइट से वे जा रही थी उसी फ्लाइट से वह भी जा रहे थे। उनकी बेटी की तबीयत खराब हो जाने पर उसे देखने के लिए वह दिल्ली गई थी।
मतलब साफ है कि मध्यप्रदेश में सरकार के सहयोगी के तौर पर विधायक रामबाई भले ही कमलनाथ सरकार के साथ खड़े होने को वचनबद्ध बनी हुई हो लेकिन राज्य सभा में कांग्रेस प्रत्याशी खासकर दिग्विजय सिंह को समर्थन देने के मामले में उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। तथा यह निर्णय फिलहाल बसपा सुप्रीमो मायावती पर छोड़ दिया है। ऐसे में कहा जा सकता है कांग्रेस के सहयोगी दलों तथा निर्दलीयों को राज्यसभा चुनाव के दौरान अपने पक्ष में लाने के मामले में फिलहाल भाजपा की डील के मुकाबले कांग्रेस का ऑफर कमजोर पड़ रहा है.. अटलराजेंद्र जैन
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