7 साल 3 महीने बाद निर्भया के दोषियों को दी गई फांसी
नई देहली। तिहाड़ जेल में आखिरकार लंबे इंतजार के बाद निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटका दिया गया। इसके पूर्व रात 3:30 बजे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपी पक्ष की सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए फांसी पर लटकाए जाने का आदेश जारी किया गया था।
जबकि इसके पूर्व रात 1:00 बजे बचाव पक्ष द्वारा अपील की एक और अर्जी की गई थी। जिसे खारिज करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा गया। शुक्रवार सुबह सभी न्यूज़ चैनल मीडिया पोर्टल की सबसे बड़ी खबर 7 साल 3 महीने के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की रही। निर्भया की मां ने देर से ही सही लेकिन आरोपियों को मिले फांसी के दंड को इंसाफ बताते हुए कानून व्यवस्था का धन्यवाद माना है।
अक्षय, पवन, विनय और मुकेश नाम के चारों आरोपियों को पवन जल्लाद के द्वारा सुबह 5:30 बजे फांसी दिए जाने के पहले इनके चेहरों को काले कपड़े से ढक दिया गया था वही हाथ तथा पैरों को रस्सी से बांध दिया गया था। फांसी पर लटकाए जाने की आधे घंटे बाद बाद 6:00 बजे डॉक्टर द्वारा इनको व्रत क्या दिए जाने के बाद फांसी के फंदे से उतारा गया।
निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा की खबर से देशभर में जहां खुशी के साथ राहत का माहौल दिखा वही इस तरह की वारदातों की कल्पना भी करने वालों को मन में दहशत का माहौल बना होगा। क्योंकि जिस तरह से लंबी अपीलों के बाद ही आरोपी अपने आप को नहीं बचा सके वही देश में कहीं भी आरोपियों के प्रति सहानुभूति का माहौल भी नहीं दिखा।
नई देहली। तिहाड़ जेल में आखिरकार लंबे इंतजार के बाद निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटका दिया गया। इसके पूर्व रात 3:30 बजे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपी पक्ष की सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए फांसी पर लटकाए जाने का आदेश जारी किया गया था।
जबकि इसके पूर्व रात 1:00 बजे बचाव पक्ष द्वारा अपील की एक और अर्जी की गई थी। जिसे खारिज करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा गया। शुक्रवार सुबह सभी न्यूज़ चैनल मीडिया पोर्टल की सबसे बड़ी खबर 7 साल 3 महीने के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की रही। निर्भया की मां ने देर से ही सही लेकिन आरोपियों को मिले फांसी के दंड को इंसाफ बताते हुए कानून व्यवस्था का धन्यवाद माना है।
अक्षय, पवन, विनय और मुकेश नाम के चारों आरोपियों को पवन जल्लाद के द्वारा सुबह 5:30 बजे फांसी दिए जाने के पहले इनके चेहरों को काले कपड़े से ढक दिया गया था वही हाथ तथा पैरों को रस्सी से बांध दिया गया था। फांसी पर लटकाए जाने की आधे घंटे बाद बाद 6:00 बजे डॉक्टर द्वारा इनको व्रत क्या दिए जाने के बाद फांसी के फंदे से उतारा गया।
निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा की खबर से देशभर में जहां खुशी के साथ राहत का माहौल दिखा वही इस तरह की वारदातों की कल्पना भी करने वालों को मन में दहशत का माहौल बना होगा। क्योंकि जिस तरह से लंबी अपीलों के बाद ही आरोपी अपने आप को नहीं बचा सके वही देश में कहीं भी आरोपियों के प्रति सहानुभूति का माहौल भी नहीं दिखा।
0 Comments