मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया इस्तीफे ऐलान..
भोपाल। मप्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को होने वाले विधायकों के फ्लोर टेस्ट के पहले ही कमलनाथ सरकार ने अपनी हार मान ली है इस बात का अंदेशा कल रात ही हो गया था वही आज 12 बजे श्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपने इस्तीफे की घोषणा से इसका समापन किया इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के 15 महीने की कामकाज की उपलब्धियां बताई वहीं 15 वर्षों तक प्रदेश की सत्ता में रही भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हर 15 दिन में भाजपा कहती थी कि यह सरकार महीने भर की सरकार है फिर भी हमने काम पर ध्यान दिया। आज हमारे 22 विधायक को बेंगलुरु में बंधक बना कर फिर से भाजपा ने चाल चली । जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी। मैं चाहता था कि हम मेहनत करें। मेरे साथ नहीं ये विश्वास घाट प्रदेश की जनता के साथ किया गया। ये लोग हमेशा सरकार को अस्थिर करने में लगे रहे। हमने वचन पत्र के अनुसार किसानों के कर्जा माफ किये। हमने पहले दिन से काम किये।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमने विधानसभा में तीन बार बहुमत साबित किया। 15 महीनों में हमने माफिया के खिलाफ अभियान चलाया, भाजपा यह नहीं चाहती थी। मेरा प्रयास था कि अपने प्रदेश को सुरक्षित प्रदेश बनाया जाए। हमने रोजगार के नए साधन बनाये। हमने गोशाला बनाई, इंदिरा गृह ज्योति योजना से 1 करोड़ नागरिको को फायदा मिला ये भाजपा को रास नहीं आया। कन्या विवहः में 28 से बढ़ा के 51 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशन डबल की। रामवनगमन पथ का काम चल रहा है। कमलनाथ ने पिछडो को आरक्षण, सहित तमाम योजनाओं को गिना कर कहा कि प्रदेश का विकास भाजपा को रास नहीं आया। जनता ने बदलाव को महसूस किया। जनता का विश्वास हमारे साथ है। जनता का प्रमाण पत्र हमारे पास है।मेरे हौसले को भाजपा कभी हिला नहीं सकती। राजनीतिक जीवन मे मैने मूल्यों का पालन किया है और करता रहूंगा। आज के बाद कल भी आता है। मैने तय किया है कि राज्यपाल को दोपहर 1 बजे इस्तीफा दूंगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऐलान के साथ कांग्रेसी खेमे में जहां सन्नाटा पसर गया है वही भाजपा समर्थकों में जश्न का माहौल है। कमलनाथ सरकार में निर्दलीय के रूप में मंत्री की कमान संभालने वाले प्रदीप जायसवाल के भी कांग्रेस खेमे से भाजपा की तरफ झुकाव की खबर सामने आई है। इधर कमलनाथ सरकार के सहयोगी सपा बसपा विधायकों के अलावा निर्दलीयों के पाला बदलने की भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एमपी प्रजापति द्वारा कांग्रेश के 22 बागी विधायकों के अलावा भाजपा के शरद कौल के इस्तीफा मंजूर किए जाने की जानकारी दी गई।
इस तरह फिलहाल 230 सदस्यी विधानसभा में 25 विधायकों के पद रिक्त हो जाने से मौजूदा सदन में सदस्यों की संख्या 205 रह गई है जिनमें भाजपा के 106 विधायक विधायकों के साथ बहुमत का आंकड़ा आ गया है वही बदले हुए हालात में सपा बसपा व निर्दलीय भी पाला बदलकर बीजेपी के साथ खड़े नजर आ सकते हैं। अटलराजेंद्र जैन
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