कलेक्टर की कार एवं फर्नीचर कुर्की करने कोर्ट का आदेश
दमोह। कलेक्टर की रुतबे वाली एंबेस्डर कार एवं कलेक्टर चेंबर का संपूर्ण फर्नीचर कुर्क करने के आदेश दमोह न्यायालय ने दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक मामले में शासन से 20 लाख रुपए की वसूली का आदेश पालन नहीं करने के बाद यह कुर्की आदेश जारी किए गए हैं। जिस पर कार्रवाई की मियाद 24 जनवरी तय की गई है।
दरअसल यह पूरा मामला पशु चिकित्सा विभाग में क्षेत्र सहायक की नियुक्त में किए गए फर्जीवाड़े से जुड़ा हुआ है। 1986 में तेंदूखेड़ा दमोह निवासी सुशील जैन ने पशु चिकित्सा विभाग में क्षेत्र सहायक की नियुक्ति हेतु आवेदन किया था उनकी सर्वाधिक अंक भी थे लेकिन उनके आवेदन को गायब करके किसी को नियुक्ति दे दी गई थी जिसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट से उनको नियुक्ति देने का आदेश दिया गया। लेकिन फिर भी नियुक्ति नहीं मिलने पर उन्होंने 2011 में हाई कोर्ट में द्वितीय अपील की। जहां से उनको नियुक्ति दिए जाने या 20 लाख रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया गया।
पीड़ित फरियादी के अधिवक्ता मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी 25 सितंबर 2019 को सुशील जैन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 8 सप्ताह में 20 लाख रुपए की राशि भुगतान करने का आदेश जारी किया गया था। इसके बाद भी जब हर्जाना राशि नहीं दी गई तो माननीय तृतीय व्यवहार न्यायधीश दमोह राखी देवलिया की अदालत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन कराने के लिए अपील की गई। जिस पर दमोह कलक्टर की एंबेसडर कार और उनके चेंबर का समस्त फर्नीचर कुर्क करने का आदेश 9 जनवरी को दिया। लेकिन मामला कलेक्टर से जुड़ा होने की वजह से आदेश की तामिली करने में अधिकारी हीला हवाली करते रहे।
बाद में 22 जनवरी की शाम कोर्ट के गजलें कलेक्टर अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर उक्त आदेश की तामिली कराई गई अब इस मामले में 24 जनवरी को कार्यवाही नियत की गई है। देखना होगा कि 24 जनवरी को कलेक्टर की कार और चेंबर का फर्नीचर कुर्क किया जाता है या फिर पीड़ित पक्ष को 20 लाख रुपए दिलाए जाते है। इस मामले में दमोह कलेक्टर तरूण राठी से जब संपर्क की कोशिश की गई तो उनके सागर में संभागीय बैठक में होने से उनका पक्ष नहीं मिल सका। अटल राजेंद्र जैन
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