अनशनरत विद्वानों के पास पहुंची विधायक रामबाई-
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक द्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है की अतिथिविद्वानों की लगातार नियमितीकरण की मांग एवं कड़ाके की ठंड में शाहजहानी पार्क के खुले आसमान तले सपरिवार बच्चों सहित आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानकन की व्यथा सुनने वाला प्रदेश में कोई नही है। अतिथिविद्वान अपने नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे है, जबकि सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी फालेन आउट हुए हमारे साथियों को अतिथिविद्वान ही बनाये रखना चाहती है।
ऑनलाइन चॉइस फिलिंग आदेश की जलाई होली-
अतिथि विद्वानों ने ऑनलाइन चॉइस फीलिंग आदेश की प्रतियां जलाते हुए इसे सरकार का गुमराह करने वाला आदेश बताया। मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि ये आदेश अतिथिविद्वानो के लिए सरकार की ओर से मौत का फरमान हैं। जबकि सरकार इस आदेश को नौकरी से बाहर निकाले गए अतिथि विद्वानों के लिए व्यवस्थापन और पुनर्वास का नाम दे रही है। हम सरकार से नियमितीकरण का वचन पूरा करने का अनुरोध कर रहे है जबकि सरकार ऑनलाइन चॉइस फिलिंग को अतिथि विद्वानो के पुनर्वास का नाम दे रही है। बाहर किये गए अतिथिविद्वानों की संख्या 1700 से अधिक है जबकि ओनलाइन चॉइस फिलिंग में रिक्तियों की संख्या काफी कम है। अतः स्पष्ठ है कि लगभग 1000 अतिथिविद्वानों का सेवा से बाहर होना तय है। इसी समस्या को दूर करने के लिए अतिथिविद्वान पिछले 15 दिनों से आंदोलनरत है।
कड़ाके की ठंड में आमरण अनशन लगातार है जारी-
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क में अतिथिविद्वानों के पिछले कई दिनों से अनवरत जारी आमरण अनशन और धरने के आज 8वां दिन है। किन्तु यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है,सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि अब तक कोई भी सरकार का नुमाइंदा हमारी समस्या में निराकरण के लिए नही पहुंच सका है। डॉ जेपीएस चौहान ने कहा है की सत्कार की वादाखिलाफी और अनिश्चित भविष्य की पीड़ा इतनी तीव्र है कि कड़ाके की ठंड में पूरे प्रदेश के अतिथि विद्वान जिसमे महिलाएं एवं उनके छोटे छोटे बच्चे भी शामिल है, लगातार आंदोलनरत हैं। कई महिलाओं और बच्चों की ठंड के कारण तबियत बिगड़ी है, किन्तु अतिथि विद्वान शाहजहानी पार्क से हटने को तैयार नही है।
अनिल जैन की रिपोर्ट
भोपाल। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों का सरकार से अपने वचनपत्र की कंडिका 17.22 को पूर्ण करने और नियमितीकरण का वचन निभाने की मांग को लेकर शाहजहांनी पार्क भोपाल में कड़ाके की ठंड में धरना आंदोलन और आमरण अनशन लगातार जारी है। आमरण अनशन के आठवें दिन मंगलवार को बसपा विधायक रामबाई के साथ अनेक विधायकों ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन कियावह इसके पूर्व सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी धरना स्थल पर पहुंचकर अतिथि विद्वानों की मांगों को विधानसभा में उठाने हेतु अस्वास्थ्य कर चुके हैं इसके बावजूद प्रदेश में सरकार का 1 वर्ष पूरा होने का जश्न मना रही कमलनाथ सरकार की ओर अतिथि विद्वानों की मांगो और आंदोलन की ओर ध्यान नहीं जाना आश्चर्यजनक है।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक द्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है की अतिथिविद्वानों की लगातार नियमितीकरण की मांग एवं कड़ाके की ठंड में शाहजहानी पार्क के खुले आसमान तले सपरिवार बच्चों सहित आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानकन की व्यथा सुनने वाला प्रदेश में कोई नही है। अतिथिविद्वान अपने नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे है, जबकि सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी फालेन आउट हुए हमारे साथियों को अतिथिविद्वान ही बनाये रखना चाहती है।
ऑनलाइन चॉइस फिलिंग आदेश की जलाई होली-
अतिथि विद्वानों ने ऑनलाइन चॉइस फीलिंग आदेश की प्रतियां जलाते हुए इसे सरकार का गुमराह करने वाला आदेश बताया। मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि ये आदेश अतिथिविद्वानो के लिए सरकार की ओर से मौत का फरमान हैं। जबकि सरकार इस आदेश को नौकरी से बाहर निकाले गए अतिथि विद्वानों के लिए व्यवस्थापन और पुनर्वास का नाम दे रही है। हम सरकार से नियमितीकरण का वचन पूरा करने का अनुरोध कर रहे है जबकि सरकार ऑनलाइन चॉइस फिलिंग को अतिथि विद्वानो के पुनर्वास का नाम दे रही है। बाहर किये गए अतिथिविद्वानों की संख्या 1700 से अधिक है जबकि ओनलाइन चॉइस फिलिंग में रिक्तियों की संख्या काफी कम है। अतः स्पष्ठ है कि लगभग 1000 अतिथिविद्वानों का सेवा से बाहर होना तय है। इसी समस्या को दूर करने के लिए अतिथिविद्वान पिछले 15 दिनों से आंदोलनरत है।
कड़ाके की ठंड में आमरण अनशन लगातार है जारी-
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क में अतिथिविद्वानों के पिछले कई दिनों से अनवरत जारी आमरण अनशन और धरने के आज 8वां दिन है। किन्तु यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है,सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि अब तक कोई भी सरकार का नुमाइंदा हमारी समस्या में निराकरण के लिए नही पहुंच सका है। डॉ जेपीएस चौहान ने कहा है की सत्कार की वादाखिलाफी और अनिश्चित भविष्य की पीड़ा इतनी तीव्र है कि कड़ाके की ठंड में पूरे प्रदेश के अतिथि विद्वान जिसमे महिलाएं एवं उनके छोटे छोटे बच्चे भी शामिल है, लगातार आंदोलनरत हैं। कई महिलाओं और बच्चों की ठंड के कारण तबियत बिगड़ी है, किन्तु अतिथि विद्वान शाहजहानी पार्क से हटने को तैयार नही है।
अनिल जैन की रिपोर्ट
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