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विधायक निधि मैं कमीशनखोरी..! सरपंच से कमीशन के आरोप पर ट्रेजरी ऑफीसर को.. विधायक रामबाई ने चेंबर में जाकर फटकार लगाई.. महिने भर पूर्व कलेक्टर द्वारा स्वीकृत राशि भी जारी नहीं करने का लगाया आरोप...

सरपंच से कमीशन मामले में ट्रेजरी ऑफीसर को फटकार
दमोह। देशभर में कमीशन खोरी का दंश किस तरह से विभिन्न योजनाओं के लिए शासन से जारी होने वाली राशि में सेंध लगाता है यह किसी से छिपा नहीं है। इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तो यहां तक कह चुके थे की शासन जिस काम के लिए सो रुपए भेजता है वह नीचे तक पहुंचते-पहुंचते 25-30 रूपए तक सिमट कर रह जाते है। कमीशन खोरी के इस खेल से विधायक और सांसद निधि भी अछूती नहीं है। हालांकि कुछ सांसद, विधायक और अधिकारी मामले में अपवाद रहे हैं। लेकिन इस राशि को जारी करने वाले स्थानीय अधिकारी सरपंचों से भी कमीशन कबाड़ने से नहीं चूकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह व्यवस्था ऑन लाइन हो जाने से भृष्टचार पर बहुत कुछ अंकुश लग सकेगा।
 ऐसे ही एक मामले में दमोह जिले के पथरिया से निर्वाचित बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई के द्वारा ट्रेजरी ऑफीसर को उनके चेंबर में जाकर फटकार लगाने का वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें विधायिका महोदय की खरी खरी बातें रूपी फटकार सुनने के बाद कुर्सी पर विराजमान साहब सफाई देते नजर आ रहे हैं। दरअसल विधायक रामबाई गोविंद सिंह परिहार को उनके  क्षेत्र पथरिया विधानसभा के किसी सरपंच द्वारा विधायक निधि जारी करने के बदले ट्रेजरी ऑफिस से कमीशन की मांग के सम्बन्ध में शिकायत की गई थी। और पूर्ति न करने पर विधायक निधि जारी करने पर आपत्ति लगाने की जानकारी मिली थी।
 जिस को संज्ञान में लेते हुए जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय से इस संबंध में विधायक द्वारा जानकारी ली गई। जिसमें ज्ञात हुआ की एक माह पूर्व कलेक्टर महोदय द्वारा स्वीकृत की गई राशि भी ट्रेजरी अधिकारी द्वारा जारी नहीं की गई है। एवं लगातार किसी ना किसी विषय को लेकर फाइल पर आपत्ति दर्ज की जा रही है। जिसको लेकर विधायक ने ट्रेज़री अधिकारी के समक्ष पहुंचकर इस तरह की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की है। जब इस पूरे मामले को लेकर ट्रेजरी अधिकारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकर उनका बयान नही मिल सका।
यहां उल्लेखनीय है कि अनेक दफ्तर तो ऐसे है जहां ठेकेदारों से लेकर सप्लायरों को किए जाने वाले भुगतान का फिक्स कमीशन बसूला जाता है। पंजीयन कार्यालय में होने वाली रजिस्ट्री के कमीशन में तो कलेक्टर साहब के  नाम का नजराना बसूलने से भी संबंधित नहीं चूकते। देखना होगा विधायक रामवाई की फटकार तथा मामले के कलेक्टर के संज्ञान में जाने की खबर के बाद कमीशन खोरी युक्त कार्यप्रणाली में कोई बदलाव आता है अथवा डाक के तीन पात जैसे हालात ही बने रहते है। कमीशन खोरी के दंश के कुछ ओर खुलासे के साथ जल्द मिलते है। आपके पास भी कमशीनखोरी की कोई खबर हो जो तो जरूर भेजे। अटलराजेंद्र जैन

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