गड़बड़ी छिपाने वित्त मंत्री का शिलालेख पंपलेट से ढका
लोक निर्माण विभाग के अधिकारी साल भर बाद ही उपरोक्त कार्यो का भुगतान संबंधित ठेकेदारों को कराके अपना कमीशन डकार चुके है। परंतु छात्राओं को यहां खेल गतिविधियों के उपयोग के नाम पर क्षतिग्रस्त गैलरी और गाजर घास से भरा मैदान ही हासिल हो रहा है। स्टेडियम के उपरोक्त हालात को लेकर जब कॉलेज के प्राचार्य केपी अहिरवार से चर्चा की गई जो उन्होंने चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन किया। श्री अहिरवार का कहना है लोक निर्माण विभाग ने आज तक उनके लिए मिनी स्टेडियम नाला निर्माण का उपयोगिता प्रमाण पत्र ही जारी नहीं किया। ऐसे में वह उसके निर्माण कार्य को लेकर कैसे आपत्ति दर्ज कराए।
उल्लेखनीय है कि जिला योजना समिति द्वारा अनुमोदित उपरोक्त करीब 50 लाख के निर्माण कार्य में गर्ल्स कॉलेज का जनभागीदारी के नाम पर करीब 25 लाख की राशि भी लगी हुई है। उपरोक्त निर्माण कार्य के संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री जेपी सोनकर से अनेक बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह अपना मोबाइल रिसीव करने को ही तैयार नहीं हुए। वही इस कार्य को कराने वाले तत्कालीन एसडीओ आरबी पटेल जो आज भी पदस्थ है से जब जानकारी चाही गई तो उन्होंने सारा ठीकरा तत्कालीन इंजीनियर आरके जैन के ऊपर ठोपते हुए उनसे संपर्क करने को कहा।
जब श्री जैन से संपर्क किया गया तो उन्होंने तबादले पर जिले के बाहर चले जाने और अब वापस तेंदूखेड़ा सब डिवीजन में होने की बात करते हुए पुराना मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। मामले में ठेकेदार सोनू जैन से संपर्क करने पर बताया गया कि उनके द्वारा मिनी स्टेडियम कंप्लीट करके दिया गया था। तथा यहां पर एक टूर्नामेंट भी आयोजित हो चुका है ऐसे में प्राचार्य इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की बात क्यों कर रहे हैं यह समझ से परे है।
अधिकारी ठेकेदार द्वारा दिए गए जवाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया के कार्यकाल में किस तरह से लाखों करोड़ों के निर्माण कार्य को मिलकर चुना लगाया गया और किसी ने ध्यान देना तो दूर उफ तक नहीं की। तथा वर्तमान में कांग्रेस सरकार को बने हुए दस माह से अधिक हो जाने के बाद भी इस तरह के अधूरे घटिया निर्माण कार्यों की सुध लेने के लिए कांग्रेस विधायक और नेता तैयार नहीं है। क्योंकि भाजपा शासन में कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों के जरिए कहीं ना कहीं अनेक कांग्रेसी नेता ठेकेदार भी उपकृत होते रहे हैं।
दमोह। भाजपा की शिवराज सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया द्वारा विभिन्न विभागों के जरिए कराए गए लाखों करोड़ों के निर्माण कार्य के दौरान किस तरह विभागीय अधिकारियों और नेता ठेकेदारों ने मिलकर शासकीय राशि के साथ जनभागीदारी निधि को चूना लगाया है उसका उदाहरण देखने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। दमोह के केएन गर्ल्स कॉलेज के पीछे इस मिनी स्टेडियम नाला निर्माण के हालात देखकर अंदाजा जा सकता है की लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा जाता है। यहां लगा और पंपलेट से ढका शिलालेख बता रहा है कि पांच साल पहले तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया ने यहां पर 29 लाख की लागत के मिनी स्टेडियम और करीब 20 लाख लागत के नाला निर्माण कार्य की आधारशिला रखते हुए शिलान्यास किया था।
उल्लेखनीय है कि जिला योजना समिति द्वारा अनुमोदित उपरोक्त करीब 50 लाख के निर्माण कार्य में गर्ल्स कॉलेज का जनभागीदारी के नाम पर करीब 25 लाख की राशि भी लगी हुई है। उपरोक्त निर्माण कार्य के संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री जेपी सोनकर से अनेक बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह अपना मोबाइल रिसीव करने को ही तैयार नहीं हुए। वही इस कार्य को कराने वाले तत्कालीन एसडीओ आरबी पटेल जो आज भी पदस्थ है से जब जानकारी चाही गई तो उन्होंने सारा ठीकरा तत्कालीन इंजीनियर आरके जैन के ऊपर ठोपते हुए उनसे संपर्क करने को कहा।
अधिकारी ठेकेदार द्वारा दिए गए जवाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया के कार्यकाल में किस तरह से लाखों करोड़ों के निर्माण कार्य को मिलकर चुना लगाया गया और किसी ने ध्यान देना तो दूर उफ तक नहीं की। तथा वर्तमान में कांग्रेस सरकार को बने हुए दस माह से अधिक हो जाने के बाद भी इस तरह के अधूरे घटिया निर्माण कार्यों की सुध लेने के लिए कांग्रेस विधायक और नेता तैयार नहीं है। क्योंकि भाजपा शासन में कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों के जरिए कहीं ना कहीं अनेक कांग्रेसी नेता ठेकेदार भी उपकृत होते रहे हैं।
शायद यही वजह है कि भाजपा शासन में करोड़ों के कामों का मूल्यांकन करके लाखों कमाने वाले लोक निर्माण विभाग के एसडीओ आरबी पटेल दमोह में ही अपना स्थाई आवास बनाकर कांग्रेस शासन में भी जमे हुए हैं। इसी तरह पीआईयू के एसडीओ केपी अग्रवाल भी कांग्रेस शासन में घटिया निर्माण कार्यों को संरक्षण दिए हुए हैं। उनको जिला अस्पताल के घटिया निर्माण कार्यों को लेकर बसपा विधायक रामबाई सार्वजनिक तौर पर फटकार लगा चुकी है। इसके बावजूद उनके में कोई सुधार आता नहीं दिख रहा।
पूर्व में दमोह एसडीओ रहे जेपी सोनकर घूम फिर कर अब दमोह में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री का पद संभाले हुए हैं तथा दमोह में ही अपना स्थाई आवास बनवा रहे हैं। हालात देखकर कहा जा सकता है भले ही कांग्रेस भाजपा की सरकार बदलती रहे लेकिन अधिकारी को बदलने की हिम्मत किसी में नहीं है। दमोह नगर पालिका और दमोह के विभिन्न कालेज भी इसका एक बड़ा उदाहरण कहे जा सकते है। भाजपा सरकार के घटिया निर्माण कार्यों की पोल खोल श्रंखला आगे भी जारी रहेगी। जल्द नए अपडेट के साथ फिर मिलते हैं। यदि आपके आसपास भी ऐसे अधूरे घटिया निर्माण कार्य हुए हो तो उनके फोटो वीडियो और जानकारी जरूर प्रेषित करें। अटलराजेंद्र जैन
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बहुत बढ़िया
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