राहगीरों की हिम्मत से बच गई महिला की जान-
सोमवार को दिनदहाड़े हुए इस घटनाक्रम की खबर जंगल में आग की तरह फैलते देर नहीं लगी। मौके पर मौजूद लोगों ने घटना के वीडियो मोबाइल से बनाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। वही जिला अस्पताल में युवती को तत्काल उपचार मिल जाने से उसकी हालत में सुधार नजर आने लगा। उसके लगातार बेसुध पड़े रहने की बजह से उसके बारे में कोई जानकारी नहीं लग पा रही थी। इस बीच नटवली की तलैया से पहंचे कुछ लोगों ने महिला की पहचान शांतिबाई रैकवार के तौर की। जो मानसिक तौर पर कमजोर बताई जा रही है तथा अपने मायके में ही रह रही है।
जिले के दो सबसे बड़े अधिकारियों के कार्यालय के नजदीक चैराहे पर हुए इस घटनाक्रम स्थल के नजदीक जबलपुर नाका पुलिस चैकी भी स्थित है लेकिन समय रहते पुलिस के पहंचने के पहले दो राहगीर युवक यदि साहस दिखाकर फांसी के फंदे पर झूल गई महिला को नहीं उतारते तो उसकी सांसे थमते देर नही लगती।
चार युवकों ने 3 मिनट में ऐसे बचाई जान देखें लाइव-
फांसी के फंदे पर झूलने के बाद किस तरह चार युवकों ने 3 मिनट के अंदर इस महिला को फांसी के फंदे से उतार कर उसकी जान बचाई उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज भी मानवता जिंदा है। वही अनेक लोग लाइव वीडियो बनाते तमाशाई बने रहे। इस महिला ने किन हालातों में सार्वजनिक स्थल पर कलेक्ट्रेट तथा एसपी ऑफिस के नजदीक यह आत्मघाती कदम उठाया इसका पता तो जांच के बाद ही चलेगा। लेकिन दो बढ़े अधिकारियों के दफ्तर के नजदीक इस तरह का घटनाक्रम हो जाने तथा पुलिस के सीसी टीवी से शहर पर नजर रखने वालों का ध्यान इस ओर नहीं जा पाना गंभीर चूक कहा जा सकता है।
दमोह। जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय और एसपी ऑफिस से चंद कदम की दूरी पर स्थित महाराणा प्रताप प्रतिमा स्थल पर लगे लोहे के पिलर पर चढ़कर एक महिला ने देखते ही देखते फंदा बनाया और फांसी पर झूल गई। इस नजारे को देख कुछ लोगो ने साहस का परिचय दिया और अपनी जान जोखिम में डालते हुए तत्काल ही पिलर पर चढ़कर युवती के गले से फंदा निकाल दिया और उसे नीचे उतार कर जमीन पर लिटा दिया। जिससे उसकी सांसे रूकते रूकते चलने लगी। इस दौरान कुछ लोगों ने हंड्रेड डायल और 108 को काल किया लेकिन देर तक दोनों के नहीं पहंचने पर ऑटो से बेहोश युवती को जिला अस्पताल पहंचाया गया।
चार युवकों ने 3 मिनट में ऐसे बचाई जान देखें लाइव-
महिला के मानसिक तोैर पर कमजोर होने की बात सामने आने के बावजूद सवाल यहीं उठ रहा है कि आखिरकार उसने खुदकुशी करने के लिए कलेक्टोरेट तथा एसपी आफिस के सबसे नजदीकी स्थल महारणा प्रताप प्रतिमा स्थल को ही क्यों चुना। तथा जब वह पिलर पर चढ़कर फंदा बनाकर गले में डालने आदि में जुटी रही तब दिन दहाड़े इस ओर जबलपुर नाका चैकी पुलिस से लेकर अन्य किसी सुरक्षा कर्मियों का इस ओर ध्यान क्यों नहीं गया ? इसको लेकर आम नागरिक सवाल उठाने से नहीं चूक रहे है। अटल राजेंद्र जैन
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