तख्ती वाली फोटो वायरल होने से किसानों में नाराजगी-
पटवारी की यह करतूत दूसरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप के हालात बनते देर नहीं लगी। और वही किसान जो फसल मुआवजा की आस में हंसी खुशी गले में तख्ती डालकर फोटो खिंचवाने तैयार हो गए थे अब वही नाराजगी जताते आपत्ति दर्ज कराते नजर आ रहे हैं। इस दौरान जिन किसानों ने अपने गले में तख्तियां नहीं डलवाई थी लेकिन हाथ में तख्ती लेकर गले के नीचे रख कर फोटो खिंचवाई थी वह भी अब ऐसे सर्वे पर उंगलियां उठाते इसे किसानों की बेइज्जती बताने से नहीं चूक रहे हैं।
मामला मीडिया के संज्ञान में आने पर विदिशा के जिला पंचायत सीईओ मयंक अग्रवाल का कहना है कि इस तरह के सर्वे को रुकवा दिया गया है। तथा इसकी जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। जबकि इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक निशंक जैन का कहना है कि पूर्व में भाजपा सरकार के दौरान फसल सर्वे की फर्जी कार्रवाई को ध्यान में रखकर इस तरह की कार्यवाही की गई होगी। जिस पर आपत्ती सामने आने पर उनके द्वारा कलेक्टर को जानकारी देकर तुरंत इस पर रोक लगा दी गई है। तथा उनको इस तरह के सर्वे के पीछे कोई खराब मंशा भी नजर नहीं आ रही है।
कुल मिलाकर इस तरह के सर्वे के पीछे भले ही कांग्रेस नेता और प्रशासन को कुछ भी गलत नजर नही आ रहा हो लेकिन अपराधियों की तरह गले में तख्ती डाले किसानों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद किसानों की नाराजगी को देखकर आने वाले दिनों में यदि भाजपा प्रदेश भर में इस मुद्दे को उछाल कर कमल नाथ सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करें तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
वही कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी के एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग करने वाले प्रदेश के पटवारियों को भी इस मामले में अपनी सफाई देना पड़ सकती है।विदिशा से शुभम जैन की रिपोर्ट
विदिशा। कमलनाथ सरकार के खेल मंत्री जीतू पटवारी द्वारा पटवारियों को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद प्रदेश में जगह जगह-जगह पटवारी प्रदर्शन करके प्रशासन को ज्ञापन सौंप रहे है वही मंत्री पटवारी से माफी की मांग कर रहे हैं। इसी दौरान विदिशा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक पटवारी की करतूत की वजह से शासन प्रशासन को नीचे देखना पड़ रहा है। वही किसानों के बीच नाराजगी भरा माहौल बन रहा है।मप्र में अतिवृष्टी से किसानों की फसले बर्बाद हो जाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राजस्व विभाग का अमला खेतों में पहुंचकर सर्वे की कार्रवाई कर रहा है। विदिशा जिले में भी फसल नुकसान के आकलन हेतु की जा रही सर्वे की कार्रवाई के दौरान जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्यारसपुर के मनोरा गांव में किसानों के गले में तड़ीपार आरोपियों जैसी तख्ती लटकवाकर फोटो ग्राफी कराते हुए फसल नुकसान के सर्वे की औपचारिक ताएं पूरी की।
मामला मीडिया के संज्ञान में आने पर विदिशा के जिला पंचायत सीईओ मयंक अग्रवाल का कहना है कि इस तरह के सर्वे को रुकवा दिया गया है। तथा इसकी जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। जबकि इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक निशंक जैन का कहना है कि पूर्व में भाजपा सरकार के दौरान फसल सर्वे की फर्जी कार्रवाई को ध्यान में रखकर इस तरह की कार्यवाही की गई होगी। जिस पर आपत्ती सामने आने पर उनके द्वारा कलेक्टर को जानकारी देकर तुरंत इस पर रोक लगा दी गई है। तथा उनको इस तरह के सर्वे के पीछे कोई खराब मंशा भी नजर नहीं आ रही है।
कुल मिलाकर इस तरह के सर्वे के पीछे भले ही कांग्रेस नेता और प्रशासन को कुछ भी गलत नजर नही आ रहा हो लेकिन अपराधियों की तरह गले में तख्ती डाले किसानों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद किसानों की नाराजगी को देखकर आने वाले दिनों में यदि भाजपा प्रदेश भर में इस मुद्दे को उछाल कर कमल नाथ सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करें तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
वही कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी के एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग करने वाले प्रदेश के पटवारियों को भी इस मामले में अपनी सफाई देना पड़ सकती है।विदिशा से शुभम जैन की रिपोर्ट
1 Comments
तकती में किसान का रकवा नाम लिखा है हाथ मे तकती ले सकते है मुझे नही लगता कि ये अपमान है हा सही मूल्य न मिलना अपमान जरूर है
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