मप्र सरकार ने वन क्षेत्र में बार लाइसेंस की फीस घटाई..
दमोह। नशे में धुत होकर बाइक चलाने वाले अब सावधान हो जाए, गिरने के बाद पहुंचने वाली पुलिस उनके साथ मिर्गी के मरीज जैसा व्यवहार कर सकती है। इसकी शुरु आत हटा थाना क्षेत्र में हो चुकी है। पिछले दिनों रात के समय सड़क पर किसी बाइक सवार के पड़े होने की सूचना पर हंड्रेड डायल पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन पुलिस में जब बाइक सहित जमीन पर पड़े शराबी की हालत देखी तो उसको मिर्गी के मरीज जैसा व्यवहार शुरू कर दिया। जिससे पलक झपकते शराबी युवक को होश में आते देर नहीं लगी। इधर कुछ खबर खोजीयो को जब अनूठे उपचार की वीडियो मिली तो आदत के मुताबिक वह इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताकर प्रचारित करते नजर आए।
भोपाल। नवरात्र सप्तमी के दिन हुई मप्र कैबिनेट की बैठक में अनेक फैसले लिए गए हैं। जिनमें शराब नीति को लेकर लिया गया फैसला चर्चा का विषय बन गया है। वन क्षेत्र में बार लाइसेंस फीस को 5 लाख से घटाकर डेढ़ लाख रुपए और बार के लिए आवश्यक 10 कमरों की अनिवार्यता को घटाकर 5 कमरों तक सीमित कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से जंगल में मंगल मनाने वालों की संख्या में जहां तेजी से इजाफा होगा वही बार संचालकों की भी चांदी होगी। लेकिन इस निर्णय से वन क्षेत्र में पीने के लिए पहुंचने वालों की वालों की संख्या में इजाफा होगा खासकर नई पीढ़ी शहर के बालों को छोड़कर जंगल के बाहर की ओर रुख करेगी। इस ओर शायद सरकार का ध्यान नहीं है। फिलहाल हम चर्चा करते है शराब के नशे में वन क्षेत्र में पड़े एक बाइक सवार के अनोखे उपचार की।दमोह पुलिस ने किया वन क्षेत्र में पड़े शराबी का उपचार-
इस घटनाक्रम से मानवता शर्मसार हो रही है या फिर हंड्रेड डायल पुलिस का समय खराब हो रहा है इस और भी ध्यान देना जरूरी है। एक काल पर दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर मदद को तत्पर रहने वाली हंड्रेड डायल ऐसे शराबी तत्वों की पूछ परख में लगी रहेगी तो फिर आम दुर्घटना ग्रस्त लोगों की मदद के लिए पहुंचने में हंड्रेड डायल को होने वाली देरी का जिम्मेदार कौन होगा.. इस ओर भी मानवता का ध्यान रखने वालों को ख्याल रखना चाहिए। अटल राजेंद्र जैन
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