दमोह जबलपुर स्टेड हाइवे पर हेलमेट ने बचाई जान
दमोह। दुपहिया वाहन चालक की जिंदगी में हेलमेट किस तरह कवच का काम करता है इसका अंदाजा एक बार फिर सामने आया है। जबलपुर स्टेट हाईवे पर जबेरा के पास बिदारी घाटी पर सड़क हादसे के बाद रक्त रंजित पढ़े दोपहिया वाहन चालक की मदद हेतु रुक कर राहगीरों ने जहां मानवता दिखाई वही हेलमेट ने सिर को गंभीर चोटों से बचा लिया। हालांकि हादसे के बाद हेलमेट उतर कर फिक जाने से चेहरे एवं नाक पर गंभीर चोट आई फिर भी घायल की जान बच गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को दमोह जबलपुर स्टेट हाईवे पर जबेरा के समीप बिदारी घाट पर सड़क किनारे लहूलुहान दशा में पड़े एक व्यक्ति को देखकर कुछ वाहन चालकों ने मानवता दिखाते हुए अन्य लोगों को भी मदद के लिए सड़क पर रोकने में देर नहीं की। मौके के हालात देख कर अंदाजा लगाया जा सकता था कि किसी अज्ञात वाहन ने स्कूटी सवार को टक्कर मार दी है। घायल व्यक्ति लहूलुहान दशा में सड़क किनारे बेहोश पड़ा था वही उसकी स्कूटी एमपी 20 एस 8826 भी थोड़ी दूरी पर पड़ी थी। पास में ही उसका हेलमेट भी पढ़ा हुआ था।
घायल की मदद के लिए सबसे पहले रूके लोगों में से एक नोहटा स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी डॉ बहादुर सिंह ने बेहोश व्यक्ति के चेहरे एवं नाक से खून निकलता देख कर पहले नब्ज टटोली तथा उसकी सासे चलती देख कर तत्कालिक हंड्रेड डायल और 108 को कॉल करने में देर नहीं की। परंतु दोनों वाहनों के आने में विलंब होता देखकर राहगीरों की मदद से बहादुर सिंह दूसरे वाहन का इंतजाम करने लगे। इसी दौरान वहां से निकल रहे जबेरा थाने के वाहन को रोक कर घटना की जानकारी दी गई। जिस पर जबेरा थाने के एसआई पी खान, एएसआई प्रह्लाद तिवारी, मुबारक खान, महिला आरक्षक प्रतिभा राजपूत, राजा तिवारी ने पुलिस वाहन से तत्काल घायल को जबेरा सीएचसी ले जाकर भर्ती कराया।
घायल के वस्त्रों की तलाशी के दौरान मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान जबलपुर जिले के मझौली क्षेत्र निवासी याकूब खान के तौर पर हुई। आधार कार्ड में दर्ज पते के आधार पर तुरंत परिजनों को सूचना दी गई। वही जबेरा अस्पताल में घायलों का इलाज शुरू किया गया। जबेरा स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने बताया कि हेलमेट पहनकर गाड़ी ड्राइविंग की वजह से हादसे के बावजूद याकूब का सिर गंभीर चोट का शिकार होने से बच गया। हालांकि हादसे में गिरने के बाद हेलमेट उतर जाने से चेहरे एवं नाक में गंभीर चोटें आई है। लेकिन इसके बाद भी याकूब खतरे से बाहर है। उपचार के बाद याकूब को जबलपुर रेफर कर दिया गया। इसी दौरान मझोली से परिजनों के आ जाने पर वह अपने साधन से उसे जबलपुर ले गए। तथा रास्ते में मदद करने वाले राहगीरों तथा हेलमेट को धन्यवाद देने से नहीं चूके। अभिजीत जैन की रिपोर्ट
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