2 दिन से कलेक्ट्रेट में डेरा डाले मजदूरों के चेहरे खिले
दमोह। वन विभाग द्वारा हटा रजपुरा क्षेत्र में कटनी जिले के मजदूरों से कराए गड्ढा सहित अन्य कार्यों का भुगतान नहीं किए जाने से परेशान मजदूर अपने परिवार के साथ त्योहार के मौके पर 2 दिनों से कलेक्ट्रेट के बाहर डेरा डाले हुए थे। जिनकी परेशानी को समझते फ्रेंड पॉइंट सोसाइटी ने आर्थिक मदद की वहीं विधायक रामबाई ने डेढ़ लाख का भुगतान कराते हुए दीपावली उपरांत कार्य मूल्यांकन कराकर संपूर्ण भुगतान कराने आश्वस्त किया।
पथरिया विधायक रामबाई गोविंद सिंह परिहार ने कल किये वायदे के अनुसार 24 घंटे के भीतर सभी मजदूरों की त्वरित व्यवस्था हेतु डेढ़ लाख रुपए की नगद राशि का वितरण किया एवं वन विभाग के अधिकारियों व जिला कलेक्टर से चर्चा कर दीपावली उपरांत इनके द्वारा किए गए संपूर्ण कार्य का मूल्यांकन करा कर 15 दिवस के भीतर संपूर्ण भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
विधायक रामबाई ने मजदूरों को दीपावली की मिठाई खिलाकर त्योहार में अपने अपने घर वापिस जाने का आग्रह करते हुए मजदूरों से बात करते हुए सभी बालक बालिकाओं को शिक्षा दिए जाने के संबंध में सभी मजदूर परिवारों से निवेदन कियाकी वह अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दिलावे ताकि उनका भविष्य सुनहरा हो सके। अधिकारियों के उदासीन रवैये की बजह से दीपावली पर भुगतान की छोड़ चुके चिंताग्रस्त मजूदर परिवार के चेहरों पर भुगतान का एक हिस्सा मिलते ही मुस्कान वापिस लौटती नजर आई
इसके पूर्व आज दोपहर दो बजे फ्रेंड पॉइंट सिविल सोसायटी के कई सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मजदूरों का हालचाल जाना तथा 30 मजदूरों को पांच पांच सौ रुपये के लिफाफे उनके खाने-पीने तथा में जरूरी सामान के लिए भेंट किये। उपरोक्त मदद पाकर गरीब मजदूर परिवारों के चेहरे खेलते नजर आए तथा फ्रेंड पॉइंट सिविल सोसायटी के प्रति कृतज्ञता जताते हुए को धन्यवाद देते नजर आए।
मजदूरो ने आधी रात को किया था हटा बस स्टैंड पर प्रदर्शन
दमोह कलेक्टोरेट के बाहर दो दिन से डेरा डाले रहने वाले इन मजदूरों ने इसे पूर्व हटा बसस्टेंड पर देर रात तक धरना देकर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद हटा एसडीएम ने इनसे चर्चा करके समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया था। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के अड़ियल रवैये के कारण 25 अक्टूर को सुबह से इन मजदूरों ने दमोह आकर कलेक्टोरेट के बाहर डेरा डाल लिया था। बीती रात ठंड में कापतें भूखे प्यासे ही अनेक मजदूरों ने गुजारी थी। अभिजीत जैन की रिपोर्ट
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