खराब फसल के सदमे में निकली दो किसानों की जान-
दमोह। लगातार बारिश की वजह से खेतों में लगी अधिकांश फसलें पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं। वही शासन प्रशासन की तरफ से किसानों को मिलने वाली मदद या मुआवजा राशि की अभी तक कोई आस भी नही दिख रही है। यहां तक कि अधिकांश क्षेत्रों में खराब फसल के नुकसान का कोई सर्वे तक नहीं कराया गया है। ऐसे में सदमे में डूबे किसानों की चिंता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। ऐसे ही कुछ हालात में दो किसानों की खेत मे खराब फसल को देखकर तनाव में मौत हो जाने का दुखद घटना क्रम सामने आया है। एक किसान की हार्ट अटैक से तथा दूसरे की नदी में बह जाने से मौत होना बताया जा रहा है। जबकि आज पूरा प्रशासन तंत्र कुम्हारी में आयोजित आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में बारिश के बावजूद व्यस्त रहा।
खराब फ़सल देख हार्टअटैक से किसान की मौत-
अतिवृष्टि के कारण खेतों में लगी फसल 80 परसेंट से अधिकतर खराब हो चुकी है वही तनावग्रस्त किसानों को हालात से निपटने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है ऐसे ही कुछ हालात के चलते शुक्रवार सुबह खेत में फसल देखने गए एक किसान की फसल पूरी तरह खराब हो जाने के सदमे में हार्ट अटैक आ जाने से मौत हो जाने का दुखद घटनाक्रम सामने आया है।
जानकारी के अनुसार दमोह ब्लॉक कें ग्राम खामखेड़ा मे किसान साहब सिंह पिता मूरत सिंह आज सुबह अपने खेत में लगी फसल देखने गया था। करीब 25 एकड़ में उसने उड़द की फसल बोई थी वहीं 10 एकड़ का खेत उसने ठेके पर ले रखा था। पूरी फसल चौपट हो जाने के बाद आज वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका
जहां पूरी तरह से बरवाद हुई फसल को देख कर उसे अटैक आ गया। तथा खेत मे गिरने के बाद वह दोबारा नही उठ सका। परिजनों ने बताया कि साहब सिंह अतिवृष्टि के कारण फसल के लगातार खराब होने से बेहद चिंतित बना हुआ था इसी चिंता में उन्हें रात में नींद भी नहीं आती थी। तथा पानी रुकते ही वर्षीय अपने खेत की तरफ रुख कर लेते थे। आज भी पानी रुकते ही जब खेत पहुंचे तो फसल को पूरी तरह बर्बाद देखकर वह सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सके। उनकी हार्ट अटैक आने से मौत हो गई।
खेत में गिरने के बाद वह दोबारा नहीं उठ सके उन्हें लेकर तुरंत ही परिजन घर ले गए जहां डॉक्टर ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में गमगीन माहौल में उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीण जन अतिवृष्टि के हालात के साथ शासन प्रशासन के किसानों के प्रति उदासीन रवैया को कोसते हुए नजर आए।
पथरिया के सासा में नदी में बहने से किसान की मौत
दमोह के पथरिया थाना अंतर्गत ग्राम सासा में सजली नदी में वह जाने से किसान की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दीनदयाल विश्वकर्मा 58 वर्ष गुरुवार शाम नदी पार अपना खेत देखने गया था। खेत में लगी फसल के पूरी तरह से तबाह हो जाने के बाद और गुमसुम हालात में वापस लौट रहा था। उसी समय वह नदी में बह गया। शुक्रवार सुबह उसका शव 3 किमी दूर डेम के पास फसा हुआ मिला।
सूचना मिलने पर पथरिया थाना पुलिस ने मौके पर पहुच पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है। घटना के संदर्भ में मृतक के भाई मदन विश्वकर्मा ने बताया कि कल शाम खेत से वापस नहीं लौटने पर उनकी तलाश की जा रही थी वही आज सुबह उनके नदी में बह जाने तथा डैम में शव के फंसे मिलने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचे पुलिस के जांच अधिकारी ने बताया कि पंचनामा के बाद मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। तथा शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
शुक्रवार के दिन सामने आए दोनों घटनाक्रमों में पथरिया निवासी किसान का जहां पुलिस ने पोस्ट मार्टम कराया है। वही खामखेड़ा के किसान के पोस्टमार्टम या पुलिस को सूचना दिए बिना की परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। कि आज शुक्रवार को प्रशासन का पूरा अमला कुम्हारी में आयोजित आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में व्यस्त रहा जिससे किसानों की जान जाने किन दुर्घटनाओं से प्रशासन अब तक अवगत ही नहीं हो पाया होगा।
इस तरह के हालात सामने आने के बाद आवश्यक हो गया है कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले विभिन्न दलों के नेताओं को किसानों को संयम से काम लेने की अपील करते हुए हिम्मत बांधना चाहिए तथा प्रशासनिक अधिकारियों को खेतों में खराब हो चुकी फसल का जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने हेतु भरोसा दिलाना चाहिए। ताकि संयम खो रहे किसानो को मदद की आस बनी रहे। इस खबर के जरिए हमारा मकसद किसी भी तरह दो शासन प्रशासन की आलोचना करना नहीं वरन हालात का आइना दिखाना है। सासा पथरिया से प्रमोद शर्मा, खामखेड़ा से बलवंत ठाकुर, परसोत्तम साहू के साथ अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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