25 हजार की रिश्वत लेते ईशानगर का सचिव गिरफ्तार-
गुरुवार को ईसानगर पहुंची सागर लोकायुक्त की टीम ने डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए पंचायत सचिव अशोक गोस्वामी को 25000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। बताया गया है कि सरपंच प्रतिनिधि महेंद्र गुप्ता से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। यह बिल मिठाई और मुरम के बताये जा रहे है जिनको पास करने के लिए 25 हजार में सचिव महोदय मान गए थे। लेकिन उनको क्या पता था कि मिठाई और मुरम के बिल पास करने के एवज में उन्हें हथकड़ियां लगवाने की तैयारी कर ली गई थी। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पंचायत सचिव को हिरासत में लेकर ईसानगर थाने में पूरी कार्रवाई की जा रही है।
एक पुरानी बुंदेली कहावत है की भूत भी एक घर को छोड़ देता है। लेकिन पंच परमेश्वर के प्रतीक पंचायती राज्य में यदि सचिव ही अपने सरपंच को नहीं बख्शे तथा उसी से एक लाख के बिल पास कराने रिश्वत मांगने लगे तो ऐसे सचिव का तो भगवान भी मालिक नही हो सकता।छतरपुर जिले के ईसानगर ग्राम पंचायत में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां एक सरपंच द्वारा लगाए गए मिठाई और मुरम के एक लाख के बिलों को पास कराने के एवज में सचिव महोदय ने तीस हजार रुपए की रिश्वत की डिमांड कर दी। इधर सरपंच प्रतिनिधि ने 25 हजार में बात तय करने के साथ ही लोकायुक्त को सूचना दे दी। जिसके बाद जो हुआ वह आज खबरों की सुर्खियां बना हुआ है।
गुरुवार को ईसानगर पहुंची सागर लोकायुक्त की टीम ने डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए पंचायत सचिव अशोक गोस्वामी को 25000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। बताया गया है कि सरपंच प्रतिनिधि महेंद्र गुप्ता से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। यह बिल मिठाई और मुरम के बताये जा रहे है जिनको पास करने के लिए 25 हजार में सचिव महोदय मान गए थे। लेकिन उनको क्या पता था कि मिठाई और मुरम के बिल पास करने के एवज में उन्हें हथकड़ियां लगवाने की तैयारी कर ली गई थी। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पंचायत सचिव को हिरासत में लेकर ईसानगर थाने में पूरी कार्रवाई की जा रही है।
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