कुण्डलपुर में चातुर्मास के कलशों की हुई स्थापना की गई
सभा के अंत में निर्यापक मुनि श्री समय सागर जी महाराज ने कहा कि धर्म, दान, पूजा और शील धार्मिक क्रियाएं है। दान आदि धार्मिक क्रियाओं से अपने परिणामों को शुद्ध करता है। दान सबसे श्रेष्ठ ज्ञान होता है। आचार्य श्री सबसे बड़े दानदाता है। मुनि श्री ने कहा कि आचार्य श्री ने बुंदेलखंड में रहते हुए जो साधना के द्वारा विश्व को दिया है वह अद्भुत है। उन्होंने अपने पूरे जीवन को आगम के अनुरूप बनाया है। कुंडलपुर आदि स्थानों पर उनका लेखन कार्य अद्भुत है। आचार्य श्री जैसी युवा अवस्था में साधना करना दुर्लभ है। श्रद्धा के साथ प्रभु के सामने की गई भक्ति सम्यकदर्शन है।
दमोह। कुण्डलपुर में निर्यापक एवं श्रेष्ठ मुनि श्री समय सागर जी महाराज के ससंघ चातुर्मास के मंगल कलशों की स्थापना बहुत ही उत्साह पूर्वक धूमधाम से हजारों भक्तों की उपस्थिति में की गई। कार्यक्रम के शुभारंभ में सुशीला पाटनी जी ने मंगलाचरण किया। बड़े बाबा और छोटे बाबा के चित्र के समक्ष देश के जाने माने उद्योग पति अशोक पाटनी के साथ अन्य श्रेष्ठीजनों ने ज्ञान ज्योति का प्रज्जवलन किया। इसके पश्चात गणधर पूजन के साथ आचार्य श्री को अर्घ समर्पित किया गया।चातुर्मास का प्रथम कलश लेने का सौभाग्य संतोष सिंघई, राकेश सिंघई, सुशील सिंघई परिवार को प्राप्त हुआ। द्वितीय कलश वीरेंद्र सेठ, देवेंद्र सेठ, राजेश सेठ, कमलेश सेठ परिवार को प्राप्त हुआ। तृतीय कलश बड़े बाबा निर्माण कमेटी के संयोजक संदेश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। चतुर्थ कलश लेने का सौभाग्य आनंद जैन, आनंद स्टील सागर परिवार को प्राप्त हुआ। पंचम कलश उत्तमचंद कोयला वाले कटनी परिवार ने प्राप्त किया। छठवां कलश जयकुमार, चंद्रकुमार चक्रेश जैन जबलपुर ने प्राप्त किया। सातवां कलश अशोक जी ठेकेदार ने प्राप्त किया। आठवां कलश राजाभाई सूरत ने प्राप्त किया। नौंवा कलश भामाशाह उद्योगपति अशोक पाटनी ने प्राप्त किया। दसवां कलश पवन चैधरी एवं 11वां कलश छोटेलाल महेश दिगंबर परिवार ने प्राप्त किया। सभी कलर्स पाने वालों का कुंडलपुर कमेटी के द्वारा सम्मान किया गया।
सम्यकदर्शन और चरित्र जिसके जीवन में आ गया उससे बड़ा ज्ञान नहीं हो सकता। गुरु पूर्णिमा के दिन गणघर इंद्रमूर्ति ने ज्ञान को प्राप्त किया था। विभिन्न कलाओं से आत्म कल्याण नहीं होता किंतु आत्म ज्ञान से आत्म उत्थान होता है। गुरुदेव का श्रद्धा के साथ जो उनका स्मरण करता है उसका कल्याण हुए बिना नहीं रह सकता है वास्तव में विश्व गुरु है।इस मौके पर देश के कौने कौने से आए गुरू भक्तों की मौजूदगी रही। सुनील वैजेटेरियन की रिपोर्ट
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