दमोह जिले में प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना बनी मजाक
दमोह जिले के विभिन्न क्षेत्रों से ऐसे अनेक मामले सामने आए है जिनमें विधवा, तलाकशुदा, ग्रीनकार्ड धारक, अविवाहित महिलाओं को भी गर्भवती बताकर योजना का लाभ दिलाने फार्म भरवा दिए गए। बाद में इनके खातों में राशि आने पर प्रथम किस्त के एक हजार रूपए देकर शेष राशि महिला एवं बाल विकास विभाग के संबंधित बाबू र्क्लकों द्वारा यह कहकर डकार ली गई कि इसे उपर तक भेजना पड़ता है। हटा, फुटेरा, बटियागढ़ क्षेत्र के अनेक फर्जी केसों को मंजूर कराकर राशि निकालने में महारत रखने वाले बटियागढ़ के एक कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा किए गए फर्जी वाडे़ की लंबी सूची सामने आई है। वहीं पोल खुलने की भनक लगते ही उक्त आपरेटर के मोबाइल बंद करके भूमिगत हो जाने तथा विभाग के अधिकारियों के चुप्पी साध लेने से अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत साफ मिल रहे है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पर एक नजर-
गर्भवती महिलाए तथा शिशु की अच्छे से परवरिश हो तथा शिशु मृत्यु दर में कमी लाने भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधनमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 1 जनवरी 2017 या उसके बाद गर्भवती हुई महिलाओं और स्तन पान कराने वाली महिलाओं को पात्र माना गया है। महिला बाल विकास द्वारा संचालित इस योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीयन कराना होता है। जिसके लिए राशन कार्ड, आधारकार्ड, बैंक पासबुक आदि की छाया प्रति लगाना होती है। एमसीपी कार्ड बन जाने के बाद योजना तहत मिलने वाली धनराशि सीधे गर्भवती महिला के खाते में जाती है। योजना के लाभ हेतु सीधे स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में भी फार्म भरकर जमा किए जा सकते है।
आवेदन फार्म स्वीकृती के बाद संबंधित महिला के बैंक खाते में 6000 की धनराशि किस्तों में जमा की जाती है। गर्भधारण पंजीयन होने के बाद एक हजार रू की राशि खाते में पहुंचती है। गर्भधारण के 6 माह बाद दो हजार की राशि तथा बच्चें के जन्म पंजीयन के साथ दो हजार रूपए प्रसूतिका के खाते में पहुंच जाते है। भारत सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को पलीता लगाने में विभाग के ही कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर सामने आने के बाद हड़कंप के हालात बने हुए है।
दमोह। गर्भावस्था में गरीब गर्भवती महिलाओं को 6000 रू की राशि प्रदान करने वाली प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना को विभाग के लोग ही चूना लगाने में जुटे हुए है। दमोह जिले में ऐसे अनेक मामले सामने आए है जिनमें महिलाओं को हजार रूपए देकर शेष राशि से विभाग के कतिपय कर्मचारी मौज उड़ा रहे है। योजना के प्रावधान से अंजान अनपढ़ महिलाओं के फार्म भराकर पंजीयन के बाद प्रथम किस्त की हजार रूपए की राशि भर महिला को देकर बाकी के 5000 हजार रूपए कतिपय कर्मचारियों की जेब में जाने तथा इसमे अधिकारियों का भी हिस्सा रहने की बात सामने आई है।
दमोह जिले के विभिन्न क्षेत्रों से ऐसे अनेक मामले सामने आए है जिनमें विधवा, तलाकशुदा, ग्रीनकार्ड धारक, अविवाहित महिलाओं को भी गर्भवती बताकर योजना का लाभ दिलाने फार्म भरवा दिए गए। बाद में इनके खातों में राशि आने पर प्रथम किस्त के एक हजार रूपए देकर शेष राशि महिला एवं बाल विकास विभाग के संबंधित बाबू र्क्लकों द्वारा यह कहकर डकार ली गई कि इसे उपर तक भेजना पड़ता है। हटा, फुटेरा, बटियागढ़ क्षेत्र के अनेक फर्जी केसों को मंजूर कराकर राशि निकालने में महारत रखने वाले बटियागढ़ के एक कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा किए गए फर्जी वाडे़ की लंबी सूची सामने आई है। वहीं पोल खुलने की भनक लगते ही उक्त आपरेटर के मोबाइल बंद करके भूमिगत हो जाने तथा विभाग के अधिकारियों के चुप्पी साध लेने से अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत साफ मिल रहे है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पर एक नजर-
गर्भवती महिलाए तथा शिशु की अच्छे से परवरिश हो तथा शिशु मृत्यु दर में कमी लाने भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधनमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 1 जनवरी 2017 या उसके बाद गर्भवती हुई महिलाओं और स्तन पान कराने वाली महिलाओं को पात्र माना गया है। महिला बाल विकास द्वारा संचालित इस योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीयन कराना होता है। जिसके लिए राशन कार्ड, आधारकार्ड, बैंक पासबुक आदि की छाया प्रति लगाना होती है। एमसीपी कार्ड बन जाने के बाद योजना तहत मिलने वाली धनराशि सीधे गर्भवती महिला के खाते में जाती है। योजना के लाभ हेतु सीधे स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में भी फार्म भरकर जमा किए जा सकते है।
आवेदन फार्म स्वीकृती के बाद संबंधित महिला के बैंक खाते में 6000 की धनराशि किस्तों में जमा की जाती है। गर्भधारण पंजीयन होने के बाद एक हजार रू की राशि खाते में पहुंचती है। गर्भधारण के 6 माह बाद दो हजार की राशि तथा बच्चें के जन्म पंजीयन के साथ दो हजार रूपए प्रसूतिका के खाते में पहुंच जाते है। भारत सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को पलीता लगाने में विभाग के ही कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर सामने आने के बाद हड़कंप के हालात बने हुए है।
हाकर से कंप्यूटर आपरेटर बनकर फोर व्हीलर पर ठाठ से घूमने वाले महिला बाल विकास बटियागढ़ के कंप्यूटर आपरेटर के कारनामों के संदर्भ में जानकारी लेने जब विभाग के परियोजना अधिकारी प्रदीप राय से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल आउट आफ कवरेज का मैसेज दे रहा था। इस फर्जीवाड़े के जरिए योजना का लाभ उठाने के बाद भी हजार रूपए पाने तक सीमित रही महिलाओं की कहानी उन्हीं की जुवानी के साथ पूरे मामले के अपडेट के साथ जल्द मिलते है। अटलराजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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