गौंडवाना साम्राज्य की विरासत रूपी धरोहरो का भ्रमण-
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने यहां के विराट नजारों तथा प्राचीन धरोहरों का बारी बारी से जायजा लेने के बाद कहां कि पर्यटन और संस्कृति की बात करनी है, तो धन उतना जरूरी नहीं है, जितना धारणा बदलने की जरूरत है। हमारे पास जितनी अमूल्य चीजें है, छटवीं सदी से लेकर आज तक की तमाम चीजें है, जिन्हें आज तक हम देख नहीं पाये। इस 1300 वर्ष पुराने किले की बात की जाए तो बुंदेलखंड में यह अजयगढ़ के बाद़ का किला है। इतिहास रहा है। बता दे कि सिंगौरगढ़ को कभी जीता नहीं गया। लेकिन हमने कभी फोकस नहीं किया। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में हम 1 हजार वर्ष तक युद्ध लड़ते रहे, फिर भी हमारे पास कला है, संस्कृति है, इतिहास है, नृत्य, संगीत है, स्मारक है, लेकिन हम कहते है, बहुत गरीब है, हमें इस गलती को दूर करना चाहिये, हम सबको इसमें नये सिरे से काम करना चाहिये।
केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहां कि यहा एस्टबलिषमेंट है, सुरक्षा की जा सकती है,भारत मे जितने धरोहर है, दुनिया में किसी दूसरे देष के पास नहीं है। इन जरूरतों को अपनी सीमाओं के भीतर पूरा करना है। उन्होंने निदान कुण्ड वाटरफाल की सराहना करते हुये कहा कि इतना अच्छा वाटरफाल है अगर हमने इसकी आयु बढ़ा दी, इसमें कोई रिचार्ज सिस्टम बना दें तो बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल बन जायेगा। यहां पर्यटनों की संख्या 100 गुनी भी बढ़ सकती है। रूकने की व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने कहा हमारे पास बढ़ी पूंजी है, धन के रूप में पैसे के रूप में नहीं लेकिन समृद्धि के रूप में पर्याप्त मात्रा में है। हमें अपने पूर्वजों के इतिहास पर गर्व करना चाहिये और देष और दुनिया को बताना चाहिये।
पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों ने स्थानों को देखा है। वाटरवाडी स्टिम को रिस्टोर करेंगे। उन्हांने कहा गौडवाना काल में सुरंगें और पानी का प्रबंधन बहुत लाजबाव था उन्हें मालूम था पैसे कम है इसलिये पानी बचाना है, इससे हम प्रेरणा भी दे पायेंगे। क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने हरे भरे वनांचल क्षेत्र के पर्यटन स्थलों का भी जायजा लिया और अधिकारियों को बिखरे अवषेषों को सजोने के निर्देष दिये । उन्होंने बावन बजरिया के अवलोकन उपरांत इसे एएसआई की सूची में शामिल करने के निर्देष दिये।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री दशरथ सिंह लोधी, वन मण्डल अधिकारी रिपुदमन सिंह, सांसद प्रतिनिधि आलोक गोस्वामी, भावसिंह, प्रीतम सिंह लोधी, रूपेष सेन, प्रीतम चौकसे, अनुपम सोनी, खड़कसींग, चंदू उपाध्याय, मनीष सोनी, मोन्टी रैकवार, सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, वन तथा पुरातात्विक विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
दमोह। केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति प्रहलाद पटैल ने सिंग्रामपुर क्षेत्र में फैली गौंडवाना साम्राज्य की विरासत रूपी धरोहरो का भ्रमण किया। वीरांगना रानी दुर्गावती अभ्यारण में स्थित 1300 वर्ष पुराने सिंगौरगढ़ किला, निदानकुण्ड और बावन बजरिया सहित अन्य पर्यटन और पुरातात्विक विखरे हुये अवशेषों को नजदीक से देखकर इनकी सराहना की। क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने हरे भरे वनांचल क्षेत्र के पर्यटन स्थलों का भी जायजा लिया और अधिकारियों को बिखरे अवषेषों को सजोने के निर्देष दिये । तथा यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने तथा यहां आने वाले लोगों की सुविधा हेतु आवश्यक कदम उठाने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहां कि यहा एस्टबलिषमेंट है, सुरक्षा की जा सकती है,भारत मे जितने धरोहर है, दुनिया में किसी दूसरे देष के पास नहीं है। इन जरूरतों को अपनी सीमाओं के भीतर पूरा करना है। उन्होंने निदान कुण्ड वाटरफाल की सराहना करते हुये कहा कि इतना अच्छा वाटरफाल है अगर हमने इसकी आयु बढ़ा दी, इसमें कोई रिचार्ज सिस्टम बना दें तो बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल बन जायेगा। यहां पर्यटनों की संख्या 100 गुनी भी बढ़ सकती है। रूकने की व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने कहा हमारे पास बढ़ी पूंजी है, धन के रूप में पैसे के रूप में नहीं लेकिन समृद्धि के रूप में पर्याप्त मात्रा में है। हमें अपने पूर्वजों के इतिहास पर गर्व करना चाहिये और देष और दुनिया को बताना चाहिये।
पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों ने स्थानों को देखा है। वाटरवाडी स्टिम को रिस्टोर करेंगे। उन्हांने कहा गौडवाना काल में सुरंगें और पानी का प्रबंधन बहुत लाजबाव था उन्हें मालूम था पैसे कम है इसलिये पानी बचाना है, इससे हम प्रेरणा भी दे पायेंगे। क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने हरे भरे वनांचल क्षेत्र के पर्यटन स्थलों का भी जायजा लिया और अधिकारियों को बिखरे अवषेषों को सजोने के निर्देष दिये । उन्होंने बावन बजरिया के अवलोकन उपरांत इसे एएसआई की सूची में शामिल करने के निर्देष दिये।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री दशरथ सिंह लोधी, वन मण्डल अधिकारी रिपुदमन सिंह, सांसद प्रतिनिधि आलोक गोस्वामी, भावसिंह, प्रीतम सिंह लोधी, रूपेष सेन, प्रीतम चौकसे, अनुपम सोनी, खड़कसींग, चंदू उपाध्याय, मनीष सोनी, मोन्टी रैकवार, सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, वन तथा पुरातात्विक विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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