3 साल के वरुण का अधजला शव मिलने से सनसनी..
भोपाल। कोलार चीचली इलाके से तीन दिन पहले अगवा हुए 3 साल के मासूम को आखिरकार नहीं बचाया जा सका। एक खाली मकान में मासूम के अधजले शव मिलने की जानकारी लगते ही लोगों में आक्रोश फैल गया। पुलिस ने कुछ लोगो को हिरासत में लेकर शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज जांच शुरू कर दी है।
भोपाल के कोलार चीचली क्षेत्र से रविवार को अपहरण 3 साल के मासूम वरुण का शव पड़ोस से कुछ ही दूरी पर स्थित एक खाली पड़े मकान में जले हालात में मिलने की खबर से मंगलवार को पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा जांच कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया। पुलिस ने संदेह के आधार पर पड़ोस में रहने वाले एक महिला और युवक को हिरासत में लिया है। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने पुलिस से संदेहियों को छीनने व मारपीट का प्रयास भी किया।
भोपाल डीआईजी ने किया खुलासा-बताया जा रहा है कि पड़ोस के रहने वाली महिला सुनीता सोलंकी और उसके बेटे शुभम ने मासूम वरुण की हत्या की थी। देवर सुनील सोलंकी का भी वारदात में हाथ बताया गया है। 14 जुलाई को मासूम वरुण ने खेलते हुए पड़ोस में रहने वाली महिला सुनीता से खाना मांगा था। उसी दौरान महिला ने गिलकी की सब्जी में बच्चे को जहरीले दवा खिलाकर कर मौत के घाट उतारा था।पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। एफएसएल टीम ने घटनास्थल तथा संदेहियो के घर पर जांच शुरू कर दी है। कुछ घँटे बाद ही भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने मामले को लेकर अहम खुलासा किया है।
दरअसल कुछ दिन पहले आरोपी महिला के घर सोना चांदी और नगदी चोरी हुआ था जिसके चलते उसे अपने पड़ोसियों पर शक था, पुलिस का मानना है कि इसी वजह से औरत ने इस वारदात को अंजाम दिया है। इस पूरे मामले की अभी पड़ताल की जा रही है। जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट होने की संभावना है। वहीं इस पूरे मामले में डीआईजी ने पुलिस की सर्चिंग टीम को भी दोषी मानते हुए कार्रवाई करने की बात भी की है।
पुलिस पता लगा रही है कि मौके पर मासूम को जलाया गया अथवा जलाकर उसे यहां लाया गया। अगवा मासूम का शव मिलने की जानकारी लगने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गहरा दुख जताया है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस मामले को लेकर पूर्व में ही पुलिस कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा चुके हैं। ऐसे में मामले का जल्द पर्दाफाश पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। भोपाल से अभिषेक पाठक की रिपोर्ट
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