फुटेरा तालाब में श्रमदान कर पसीना बहाने लगा मेला-
दमोह। फुटेरा तालाब में जल भराव क्षमता बढ़ाने के लिए जनभागीदारी से श्रमदान करके किए जा रहे हैं गहरी करण कार्य के सार्थक परिणाम नजर आने लगे हैं। तालाब में श्रमदान करके मिट्टी को निकाल कर बाहर भिजवाया जा रहा है। शनिवार को सुबह से विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी श्रमदान करने के लिए पहुंच गए थे। वहीं नवागत कलेक्टर तरुण राठी ने भी यहां पहुंचकर श्रमदान करते हुए देर तक पसीना बहाया।
फुटेरा तालाब साइड पर कंधे से कंधा मिलाकर मिट्टी से भरे तसले को "साथी हाथ बढ़ाना" की तर्ज पर आगे बढ़ाने का यह सिलसिला पिछले एक पखवाड़े से जारी है। हालांकि जन सहयोग से तालाब की जल भराव क्षमता बढ़ाने की प्रेरणास्पद पहल प्रारंभ कराने वाले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का दमोह से तबादला हो चुका है। परन्तु उनके जाने के बाद नवागत कलेक्टर तरुण राठी ने इस मुहिम को संभाल लिया है। उनका कहना है कि यह अच्छी पहल थी। जिसे वह जिले के सभी तालाबों में जारी रखने के लिए आम नागरिकों के साथ समाजसेवी संगठनों को भी प्रेरित करेंगे। इस मुहिम में अभी जिले के अधिकारी कर्मचारी अपना श्रमदान करके अपना यथा संभव योगदान दे रहे हैं। अनेक सामाजिक संगठन भी श्रम दान करने आगे आये है।
अब आम नागरिकों युवा संगठनों, एनजीओ आदि से जड़ी टीमो की बारी है कि वह मानसून की दस्तक के पहले अपने नजदीक के तालाबों में पहुंचकर अधिक से अधिक श्रमदान करके जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने में अपना यथोचित योगदान दें। बता दें कि यह पहला मौका है जब श्रमदान के जरिए गहरीकरण की मुहिम को जिले के मुखिया संभाले हुए हैं। बिना किसी राजनीतिक सहयोग के यह लगातार जारी है। जनसंपर्क अधिकारी वाय ए कुरैशी ने बताया कि आज फुटेरा तालाब मे प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक और ग्रामीण यंत्रिकी सेवा और एन.आर.एल.एम. के साथ ही खनिज विभाग के अधिकारी-कर्मचारियो ने प्रातः लगभग दो घंटे श्रमदान किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री सडक के महाप्रबंधक श्री जैन एवं श्री राजपूत, कार्य पालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा श्री ठाकुर, माईनिंग आफीसर रवि पटेल, एन.आर.एल.एम. के जिला प्रमुख मीना परते, स्टेनो सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्री खरे, नोडल अधिकारी प्रधानमंत्री आवास मिशन डाँ प्रकाश गौतम सहित अन्य अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद थे। सभी के श्रमदान एवं सेवा भावना की AtalNews 24 परिवार बहुत बहुत साधुवाद देते हुए सराहना करता है।ऐसे में अब राजनैतिक दलों से जुड़े नेता पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं से भी अपेक्षा की जा रही है कि वह भी फुटेरा तालाब सहित अपने आसपास की जल स्रोतों के गहरी करण संरक्षण में यथासंभव योगदान देने जल्द आगे आएंगे। आपके द्वारा किए जाने वाले श्रमदान की मीडिया भरपूर कवरेज देगा यह हम भरोसा दिलाते है।
"जल है तो कल है" अभी हमारे पास मानसून के पहले "जल संरक्षण के लिए" भराव क्षमता बढ़ाने बहुत सारे पल है। आप भी इस पुनीत कार्य में अपना योगदान ठीक उसी तरह देने से नहीं चूके जिस तरह की लंका जाने रामसेतु पर पुल बनाने में छोटी-छोटी गिलहरियों ने पत्थर ले जाकर "बानर सेना" को अपना योगदान दिया था। यदि आप भी जल संरक्षण हेतु कोई सार्थक पहल कर रहे हैं तो इसकी जानकारी फोटोग्राफ्स हम तक जरूर भेजें हम इसे यथासंभव प्रकाशित करने की कोशिश करेंगे। अटल राजेन्द्र जैन
0 Comments