विधायक ने निगम कर्मी को क्रिकेट के बल्ले से पीटा-
इस वीडियो में हाथ में क्रिकेट का बैट लेकर मोबाइल पर बात करते जा रहे एक युवक के पिछवाड़े पर शॉट लगाने वाला शख्स और कोई नहीं बल्कि भाजपा के युवा विधायक आकाश विजयवर्गीय बताएं जा रहे है। इधर पिटाई के दौरान भी मोबाइल पर बात करने वाला यह शख्स इंदौर नगर निगम का अधिकारी बताया जा रहा है। जिसे मामूली बात पर ड्यूटी के दौरान पिटाई के साथ साथ विधायक समर्थकों की झूमा झटकी, मारपीट और बेइज्जती का भी शिकार होना पड़ा।
बताया जा रहा है कि नगर निगम इंदौर का अमला जेसीबी लेकर आज गंजी कंपाउंड स्थित एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए पहुंचा था इस दौरान कार्रवाई को रोकने के लिए विधायक आकाश विजयवर्गी समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उक्त अधिकारी ने कार्यवाही रोकने के बजाय अपने उच्च अधिकारियों को मोबाइल लगाकर कार्रवाई में बाधा की सूचना देनी शुरू की तो युवा विधायक का गुस्सा आपे के बाहर आ गया।
तथा उन्होंने विश्व कप क्रिकेट के दौर में क्रिकेट के बल्ले से शाट लगाकर आजमाने में देर नहीं की खास बात यह रही कि इस दौरान यहां मौजूद पुलिस के अधिकारी पहले तो मूकदर्शक बने रहे। बाद में जब विधायक समर्थक भी खुल कर हाथ जमाने लगे तब पुलिस अधिकारियों को बीच बचाव करने प्रयास करना पड़ा। मामला यहीं शांत नहीं हुआ। यहां से विधायक जी व समर्थक एमजी रोड थाने पहुंच गए।
पुलिस द्वारा विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार किए जाने के पूर्व उनके द्वारा इस पूरे मामले को लेकर सफाई देने का एक बीडियों भी सामने आया है। जिसमें वह इस तरह के हालात निर्मित होने की बजह बताते नजर आ रहे है। विधायक विजयवर्गीय का कहना है कि जिन गरीबों के जरजर मकानों को गिराने के लिए निगम अमला पहुंचा था उनके पास रहने को कोई ठिकाना नहीं था। वहीं महिलाओं को घरो ंसे निकालकर बदसलूकी की जा रही थी। जबकि महिला पुलिस भी नहीं थी। जबकि उनके द्वारा प्रभावित लोगों को कुछ समय और दिए जाने की मांग की जा रही थी।
इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय आज दूसरे रंग में नजर आए। विश्व क्रिकेट के जुनून में क्रिकेट बैट से शाट लगाते नजर आए आकाश के निशाने पर बाल के बजाय एक अधिकारी के हिप्स रहे। इस दौरान पुलिस के अधिकारी भी फिलिडिंग जमाये नजर आए। मिनटों में हंगामे के साथ पिटाई की इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल होते देर नहीं लगी।
वही मामला बढ़ने थाने तक हंगामा पहुंचने और नगर निगम कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद पुलिस ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को हिरासत में ले लिया है। वहीं इन के पिता कैलाश विजयवर्गीय एक न्यूज़ चैनल पर लाइव रहते हुए बेटे का पक्ष लेते एंकर को खरी-खोटी सुनाते नजर आए।
बताया जा रहा है कि नगर निगम इंदौर का अमला जेसीबी लेकर आज गंजी कंपाउंड स्थित एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए पहुंचा था इस दौरान कार्रवाई को रोकने के लिए विधायक आकाश विजयवर्गी समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उक्त अधिकारी ने कार्यवाही रोकने के बजाय अपने उच्च अधिकारियों को मोबाइल लगाकर कार्रवाई में बाधा की सूचना देनी शुरू की तो युवा विधायक का गुस्सा आपे के बाहर आ गया।
तथा उन्होंने विश्व कप क्रिकेट के दौर में क्रिकेट के बल्ले से शाट लगाकर आजमाने में देर नहीं की खास बात यह रही कि इस दौरान यहां मौजूद पुलिस के अधिकारी पहले तो मूकदर्शक बने रहे। बाद में जब विधायक समर्थक भी खुल कर हाथ जमाने लगे तब पुलिस अधिकारियों को बीच बचाव करने प्रयास करना पड़ा। मामला यहीं शांत नहीं हुआ। यहां से विधायक जी व समर्थक एमजी रोड थाने पहुंच गए।
यहां भी हंगामे का दौर चलता रहा। इस बीच भाजपा के एक और वरिष्ठ विधायक रमेश मेंदोला भी थाने पहुंच गए। इधर घटनाक्रम की जानकारी नगर निगम तक पहुंचने के बाद नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों में आक्रोष के साथ हड़ताल पर चले जाने की जानकारी सामने आई है। दोनों पक्षों के बीच तनातनी के माहौल तथा एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच कुछ नेता अधिकारी दोनों पक्षों में कंप्रोमाइज की कोशिश में बहु जुटे गए।लेकिन बात नहीं बनी और आखिरकार भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा। इस पूरे मामले में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी भी बेटे का पक्ष लेते नजर एक चैनल से लाइव चर्चा के दौरान खरी खोटी सुनाते नजर आए।विधायक विजयवर्गीय की पिटाई की घटना पर सफाई-
पुलिस द्वारा विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार किए जाने के पूर्व उनके द्वारा इस पूरे मामले को लेकर सफाई देने का एक बीडियों भी सामने आया है। जिसमें वह इस तरह के हालात निर्मित होने की बजह बताते नजर आ रहे है। विधायक विजयवर्गीय का कहना है कि जिन गरीबों के जरजर मकानों को गिराने के लिए निगम अमला पहुंचा था उनके पास रहने को कोई ठिकाना नहीं था। वहीं महिलाओं को घरो ंसे निकालकर बदसलूकी की जा रही थी। जबकि महिला पुलिस भी नहीं थी। जबकि उनके द्वारा प्रभावित लोगों को कुछ समय और दिए जाने की मांग की जा रही थी।
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