बस के पिछले चके निकलने से यात्रियों में फैली दहशत-
दमोह से तेंदूखेड़ा होकर जबलपुर जाने वाली सड़क के दो विभागों के चक्कर मे फंस जाने से करीब 35 किमी की सड़क बेहद जर्जर हो चुकी है। सड़क में गड्ढे है या गड्ढे में सड़क है जैसे हालात शिवराज सरकार के दौरान दिग्गी युग की याद दिलाते रहे है। इधर मप्र से कमल वालो की विदाई तथा कमलनाथ की ताजपोशी के बाद भी अभाना बम्होरी के बीच की 35 किमी सड़क में कोई बदलाव नही दिखा है। जिससे इस मार्ग से यात्रा करने वालो को हादसों का शिकार होना नियति जैसा बनकर रह गया है।
अभाना तेजगढ़ तेंदूखेड़ा मार्ग पर शनिवार को फिर 5 दर्जन यात्रियों की जान मुश्किल में फंसती नजर आई। दमोह से जबलपुर जा रही अनामिका बस के पिछले दोनों पहिये पीछे रह गए और बस आगे बढ़ गई। तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के पिड़राई पांजी गांव के समीप पहाड़ी घाट पर हुए इस हादसे के बाद बस हिचकोले लेते हुए पलटते हुई जैसे ही रुकी यात्रियों ने अनहोनी की आशंका में बस के गेट के अलावा खिड़कियों से छलांग लगाने में देर नही की। यदि यह हादसा पहाड़ के घाट के बजाय ढलान पर होता तो कई जाने जा सकती थी। क्यों कि घाट पर स्पीड कम थी वही ढलान पर चके निकलते ही बस के अनियंत्रित होते देर नही लगती।
अनामिका कंपनी की बस क्रमांक MP 16 P- 0237 में सवार होकर तेंदूखेड़ा, पाटन जबलपुर की यात्रा पर जा रहे लोगो को दुर्घटना के बाद दूसरे साधनों से अपने गंतव्य की और रवाना होना पड़ा। इस दौरान महिलाओं बच्चों को तेज धूप और गर्मी में पानी से लेकर छाया तक के लिए परेशान होते देखा गया। इसके बावजूद लोग यही कहते नजर आए कि "जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू दूसरी बस से जाएं"।
उल्लेखनीय की पिछले दिनों दमोह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह इस मार्ग से साइकिल से सफर करते हुए तेंदूखेड़ा पहुंचे थे। तथा उन्होंने भी जल्द सड़क सुधार निर्माण के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद "ढाक के तीन पात" जैसे हालात बने हुए है। पूर्व में लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार और अधिकारियो की मिलीभगत से इस सड़क के मेंटनेश के नाम पर लाखों की राशि कागजों में खर्च होते रहने के आरोप सामने आते रहे है।
इस मार्ग पर चलने वाली परमिट बिना व परमिट वाली कंडम बसें यात्रियों को उनके भाग्य के भरोसे ही यात्रा कराती नजर आती है। आज भी इस बड़े हादसे में किसी यात्री की जान नहीं जाना इन सभी का किस्मत वाला होना दर्शाता है। इधर जल्द ही इस सड़क का निर्माण नहीं होने पर स्थानीय निवासियों द्वारा प्रबल जन आंदोलन किये जाने की बात कही जाने लगी है। अखिलेश सिंह के साथ अभिजीत जैन की रिपोर्ट
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