Ticker

6/recent/ticker-posts
1 / 1

मुनि संघ के सानिध्य में बांसा के बैधराज परमानंद जैन का समाधि मरण.. जीवन भर निशुल्क औषधि दान कर 94 वर्ष की आयु में नश्वर काया को त्यागा.. बेटी तथा नातिन ने दी मुखाग्नि..

यति विहार में बेटी तथा नातिन ने दी मुखाग्नि-
दमोह। जैन दर्शन में सल्लेखना पूर्वक समाधि मरण को मृत्यु की श्रेष्ठ प्रक्रिया माना गया है। जीवन भर बहुत अधिक व्रत नियम धारण नहीं कर पाने वाले श्रावक को भी यदि अपने अंतिम दिनों में मुनि संघ के सानिध्य में सल्लेखना पूर्वक समाधि धारण करके मरण को प्राप्त होते है तो उनको अगले कुछ ही भवो में जन्म जन्मांतर के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। 
दमोह के बांसा तारखेडा निवासी श्रावक परमानंद बैधराज 94 वर्ष जीवन भर लोगों को निशुल्क औषधि प्रदान करके उनके स्वास्थ्य तथा जीवन की रक्षा की और अंतिम दिनों में मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के सानिध्य में सल्लेखना को धारण करके समाधि से मरण को प्राप्त किया। श्रुत पंचमी की रात्रि में उन्होंने  अंतिम सांस ली और आज उनकी अंतिम यात्रा जटाशंकर के समीप यति विहार पहुंची। श्री परमानंद जी का पुत्र नहीं होने की बजह से उनकी पुत्री व नातिन के साथ बड़ी संख्या में परिवार की महिलाए अंतिम विदाई देने के लिए यति बिहार पहुंची थी। जहां उनकी बेटी तथा नातिन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर समाज के वरिष्ठ जनों ने उनके सेवाभावी कार्यों को याद करते हुए अपनी विनयांजलि अर्पित की। 

मुनि संघ के सानिध्य में परमानन्द का समाधि मरण-
 दमोह। सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है। मुनिसंघ के सानिध्य में श्री परमानंद जैन बॉसा उम्र 94 वर्ष विगत 28 मई से धर्मशाला में समाधि मरण की साधना कर रहे थे। जो ब्रह्मचारिणी साधना दीदी के पिता श्री थे। जिनके दो प्रतिमाओ के व्रत थे। 07 जून 2019 तक थोड़ा सा जल  ग्रहण करके समता से साधना रत थे।
जबलपुर में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का निर्देशन भी ब्रह्मचारी भैया के माध्यम से प्राप्त हुआ था। प्रतिदिन मुनिराजो के द्वारा णमोकार मंत्र और संबोधन प्राप्त हो रहा था। 7 जून 2019 शुक्रवार जेष्ठ शुक्ल पंचमी को रात्रि में  11 बजकर 1 मिनट पर णमोकार मंत्र सुनते हुए समाधि मरण हुआ। 8 जून को प्रातः काल जटाशंकर के समीप यतिविहार में इनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में दमोह तथा बॉसा से आए लोगों की मौजूदगी रही। 

सकल दिगंबर जैन समाज सहित विभिन्न संगठनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये है। Atal News24 परिवार ऐसे सेवाभावी आचरण रखने वाले वैद्य परमानंद जी के समाधि मरण को अपनी विनयांजलि अर्पित करते हुए भावना करते है कि हम सभी को इस तरह से समाधि मरण का पुण्य अर्जित हो। अभिजीत जैन की रिपोर्ट

Post a Comment

0 Comments