चिरोला तालाब में नहाने गए चार बच्चो की जल समाधि-
दमोह। पथरिया थाना अंतर्गत जेरठ पुलिस चौकी के चिरोला गांव के तालाब में नहाने गए 4 बच्चों के डूब जाने से जल समाधि हो जाने का दुखद घटनाक्रम सामने आया है। हादसे का दूसरा दुखद पहलू यह है कि जिला मुख्यालय से महज 20 किमी दूर चिरोला गांव तक पहुचने में आपदा प्रबंधन दल को पांच घन्टे लग गए। जिससे समय रहते रेस्क्यू नहीं चलाया जा सका। समय पर गोताखोर पहुँच जाते तो शायद बच्चों की जान बच सकती थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चिरौला गांव निवासी सुरेश बंसल की बेटी के शादी समारोह में शामिल होने के लिए अनेक रिश्तेदार आए हुए थे। मंगलवार सुबह रिश्तेदारों के 6 बच्चे सुबह 8 बजे गांव के बाहर तलैया में नहाने गए थे। जहा हटा निवासी राजू बंसल का पुत्र संदीप 15 एवं आशीष 12 के साथ सन्तोष बंसल का पुत्र कृष 10 वर्ष गहराई में चले गए। जिनको डूबता देखकर भगवान दास बंसल के पुत्र सचिन 18 वर्ष ने तीनों को बचाने का प्रयास किया। लेकिन वह भी गहराई में जाकर वापस नहीं लौट सका। बाद में 2 बच्चो ने इसकी सूचना घर जाकर दी।
चारों बच्चों के डूबने की सूचना जैसे ही गांव में पहुंची तो हड़कंप के हालात निर्मित हो गए। आनन-फानन में पुलिस को सूचना देकर ग्रामीण तालाब में उतरकर बच्चों की तलाश करने लगे। 10 बजे करीब जेरठ चौकी प्रभारी गणेश दुबे पुलिस टीम के साथ पहुंचे। उनके द्वारा उच्चा धिकारियों को सूचना दिए जाने के साथ आपदा प्रबंधन को भी सूचित किया गया। इस बीच ग्रामीण जन लगातार गहराई में उतर कर बच्चों की तलाश करते रहे। लेकिन 12 बजे तक एक भी शव बरामद नहीं हो सका।
12:30 बजे सबसे पहले सचिन बंसल का शव मिला। कुछ देर बाद राजू बंसल का शव मिला। दोपहर करीब 1 बजे आपदा प्रबंधन टीम पहुची तथा उनके द्वारा आशीष तथा क्रश बंसल के शव बरामद किए गए। इस तरह सुबह 8:00 बजे तालाब में डूबे बच्चों के शव दोपहर 1 बजे बरामद हो सके। इस दुखद हादसे से चिरौला गांव में मातम पसरा हुआ है। कल जिस घर में शादी की शहनाई बज रही थी वहा महिलाओं सहित रिश्तेदारों का छाती पीटने से लेकर रोवा रेट मचा हुआ है।
चारो बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया गया है। इस दौरान 100 डायल के ASI राम मिलन दूबे ने जिस का बच्चा डूबा था उसको 100 गाड़ी में बैठने से मना कर दिया गया।जबकि 100 डायल पथरिया जा रही थी। इस अमानवीय वर्ताव से बंसल समाज में रोष फैलते देर नही लगी। बाद में पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। बताया जा रहा है कि सड़क में निर्माण कराने वाले ठेकेदार ने तालाब से मुरम निकालकर उसे ऐसे ही छोड़ दिया था। जिससे गहराई बढ़ जाने से लगातार हादसे हो रहे हैं।
वही इस हादसे के बाद पुलिस प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन टीम के लचर रवैया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के भाजपा के चक्का जाम आंदोलन में दमोह में व्यस्त रहने की वजह से पुलिस कंट्रोल रूम से भी आपदा प्रबंधन टीम को तत्काल भेजने में लापरवाही की गई। जिससे समय रहते राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाने से एक भी बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। दोपहर बाद पथरिया टी आई राजेश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा इनके द्वारा चार शवों को रवाना किया गया। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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