बिजली राजनीति को लेकर तीन तस्वीरें देखने को मिली-
दमोह। भीषण गर्मी में बिजली की आंख मिचौली से आम जनमानस जमकर हलकान है। दमोह में बिजली की अघोषित कटौती को लेकर भाजपा के चक्का जाम आंदोलन के साथ तीन अलग अलग तस्वीर उभरकर सामने आई है जिनसे गर्मी में राजनीतिक पारा और भी अधिक गर्म आता नजर आ रहा है।
सबसे पहले बात करते हैं जबलपुर नाका विद्युत मंडल के सामने आयोजित भाजपा के चक्का जाम धरना प्रदर्शन की। पूर्व मंत्री जयंत मलैया के नेतृत्व में जिला भाजपा द्वारा मंगलवार को जबलपुर रोड पर विद्युत मंडल कार्यालय के सामने 1 घंटे के सांकेतिक चका जाम की घोषणा की गई थी। जिसके चलते भाजपाइयों के पहले पुलिस सक्रियता दर्ज कराती नजर आई।
कलेक्ट्रेट के सामने महाराणा प्रताप चौक से जबलपुर की तरफ जाने वाले मार्ग को यातायात पुलिस ने बैरिकेट्स रखवा कर पहले ही बंद करा दिया था। जिससे भाजपाइयों को अलग से कोई मशक्कत करने की जरूरत नहीं पड़ी। इस दौरान स्थानीय दुकानदारों तथा जबलपुर नाका क्षेत्र के निवासियों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं पूर्व मंत्री जयंत मलैया और जिला भाजपा अध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव के नेतृत्व में विद्युत मंडल कार्यालय के सामने भाजपा का हो हल्ला देर तक चलता रहा।
बाद में विद्युत कटौती के खिलाफ में कलेक्टर के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम रविंद्र सुहाने को सोते हुए भाजपा के धरना प्रदर्शन चक्का जाम का पटाक्षेप हो गया। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री श्री मलैया ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को दो-चार महीने का मेहमान बताते हुए कहा कि यह अपने आप गिर जाएगी। श्री मलैया का कहना था की इतनी भीषण गर्मी में अघोषित विद्युत कटौती करके कांग्रेस की सरकार जनता से किए अपने बालों से खिलवाड़ कर रही है उन्होंने कहा कि कांग्रेश के सभी नेता सिर्फ पैसा बटोरने में लगे हुए हैं।
इधर भाजपा के आंदोलन के दौरान ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस समर्थकों की ओर से विद्युत लाइनों से छेड़छाड़ किए जाने की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल की गई है। इसके बाद कांग्रेस विधायक राहुल सिंह खुलकर आरोप लगाए हैं कि भाजपा के लोग बिजली को लेकर माहौल बिगाड़ने के लिए विद्युत सप्लाई को बाधित करने के लिए साजिश रच रहे हैं। जिस की शिकायतें उच्च अधिकारियों से करने के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी इसकी जानकारी दिए जाने की बात कही गई है।
अज्ञात व्यक्ति द्वारा बिजली बाधित करने पर FIR दर्ज-
दमोह जिले में 10 जून की रात में 10ः45 बजे अज्ञात व्यक्ति द्वारा ग्रामीण फीडर में जान-बूझकर फॉल्ट बनाकर 22 गाँव की बिजली रोकी गई। ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों द्वारा तत्काल कार्यवाही कर रात में 11ः45 बजे एक घंटे में फीडर चालू कर दिया गया। विभाग द्वारा थाना नोहटा में मध्यप्रदेश विद्युत अधिनियम के तहत अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने निर्देश दिये हैं कि विद्युत कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी सतत् मॉनीटरिंग करें, और जहाँ भी इस तरह की गतिविधियाँ नजर आयें तो तुरंत एफआईआर दर्ज करवायें।
कुल मिलाकर एक दिन में बिजली को लेकर जिस तरह से या तीन नजारे देखने को मिले हैं। उससे साफ जाहिर होता है कि बिजली से ज्यादा राजनीति मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को लेकर हो रही है। वहीं पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी दिमाग मे यह बात रखे हुए हैं कि कमलनाथ सरकार कुछ ही महीनों की मेहमान है। तभी तो भाजपा के चक्का जाम को आसान बनाने के लिए पहले से वेरीकैट्स के जरिए इंतजाम किए जाते रहे।
दमोह जिले में 10 जून की रात में 10ः45 बजे अज्ञात व्यक्ति द्वारा ग्रामीण फीडर में जान-बूझकर फॉल्ट बनाकर 22 गाँव की बिजली रोकी गई। ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों द्वारा तत्काल कार्यवाही कर रात में 11ः45 बजे एक घंटे में फीडर चालू कर दिया गया। विभाग द्वारा थाना नोहटा में मध्यप्रदेश विद्युत अधिनियम के तहत अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने निर्देश दिये हैं कि विद्युत कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी सतत् मॉनीटरिंग करें, और जहाँ भी इस तरह की गतिविधियाँ नजर आयें तो तुरंत एफआईआर दर्ज करवायें।
कुल मिलाकर एक दिन में बिजली को लेकर जिस तरह से या तीन नजारे देखने को मिले हैं। उससे साफ जाहिर होता है कि बिजली से ज्यादा राजनीति मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को लेकर हो रही है। वहीं पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी दिमाग मे यह बात रखे हुए हैं कि कमलनाथ सरकार कुछ ही महीनों की मेहमान है। तभी तो भाजपा के चक्का जाम को आसान बनाने के लिए पहले से वेरीकैट्स के जरिए इंतजाम किए जाते रहे।
इधर तथाकथित खबर नवीस भी यह मानकर चल रहे हैं की कमलनाथ सरकार जाने वाली है तभी तो उनके द्वारा सत्तारूढ़ दल से अधिक मप्र मे विपक्ष तथा केंद्र में सत्तासीन दल के छोटे बड़े नेताओं की खुशामद होती नजर आ रही है। जबकि आम जनता का मानना है कि ऐसी अल्पमत की सरकार में उनकी सुनवाई के साथ निर्णय लेने के मामले में तत्परता दिखा रही है। ऐसे में जो जैसा है वैसा चलता रहे तो उसमें सभी की ज्यादा भलाई है। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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