हवन पूजन के साथ श्री सिद्धचक्र 16 मंडल विधान संपन्न
श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के नौ दिनी आयोजन के अंतिम दिन शनिवार को विधान स्थल उमा मिस्त्री की तलैया में ब्रह्मचारी संजीव भैया कटंगी व सहयोगी भैया जनो के सानिध्य में सुबह श्रीजी का अभिषेक पूजन शांति धारा उपरांत हवन संपन्न हुआ। तत्पश्चात श्री जी की नगर शोभा यात्रा प्रारंभ हुई। जिसमें सबसे आगे धर्म ध्वजा और दिव्य घोष के साथ महिला वर्ग अहिंसा परमो धर्म और गौ रक्षा का शंखनाद करते चल रही थी।
मुनि श्री विमल सागर महाराज, मुनिश्री अनंत सागर महाराज, मुनि श्री धर्म सागर महाराज, मुनि श्री अचल सागर महाराज और मुनि श्री भाव सागर महाराज के सानिध्य तथा ब्रह्मचारी संजीव भैया के निर्देशन में शोभायात्रा में 85 जिन प्रतिमाओं को श्रावक जन अपने मस्तक तथा पालकी में सुशोभित किए चल रहे थे। चांदी के भव्य विमान मैं भी श्रीजी को विराजीत किया गया था।
उमामिस्त्री की तलैया से प्रारंभ हुई शोभायात्रा धगट चौराहा, जैन धर्मशाला, चौधरी मन्दिर, बड़ा मन्दिर, सिटी नल, पुराना थाना, टाकीज तिराहा, सराफा, घण्टाघर, राय चौराहा, नसिया जी मन्दिर, पलन्दी चौराहा से घण्टाघर, नया बाजार, पलन्दी मन्दिर होकर कार्यक्रम स्थल उमा मिस्त्री की तलैया वापिस पहुची।
जहां कार्यक्रम की सफलता के लिए विधान समिति के संयोजक ज्ञानेंद्र इटोरिया एवं आलोक पलन्दी ने आभार जताया। गौशाला के संयोजक मनीष मलैया ने अभी तक कराए गए कार्य और आगामी योजना की जानकारी दी। शाकाहार उपासना परिसंघ के अध्यक्ष श्रेयांश सराफ, अंकुश जैन ने रविवार को सुबह 7 बजे से होने वाली 170 शांतिधारा की जानकारी दी।
इस मौके पर त्यागी वृति भोजनालय के संचालन हेतु अनेक श्रावक जनों ने दान राशि की घोषणा भी की। 3 जून को जैन धर्मशाला के आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज के समाधि दिवस पर होने वाले कार्यक्रम तथा 4 जून को आचार्य श्री को 108 वाहनों से श्रीफल भेंट करने जबलपुर जाने संबंधी जानकारी प्रदान की गई। तत्पश्चात मुनि संघ के मंगल प्रवचन हुए।
धर्म कार्य के लिए अनुकूलता का इंतजार नही करना चाहिए-मुनि श्री
दमोह। सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा आचार्य विद्या सागर गौशाला के निमित्त से आचार्य श्री के आशीर्वाद और मुनि श्री विमल सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में श्री सिद्धचक्र 16 मंडल विधान आज हवन पूजन के साथ संपन्न हुआ। रविवार को भगवान शांति नाथ के जन्म तप और मोक्ष कल्याणक के मौके पर 170 शांति धारा का आयोजन होगा।
मुनि श्री विमल सागर महाराज, मुनिश्री अनंत सागर महाराज, मुनि श्री धर्म सागर महाराज, मुनि श्री अचल सागर महाराज और मुनि श्री भाव सागर महाराज के सानिध्य तथा ब्रह्मचारी संजीव भैया के निर्देशन में शोभायात्रा में 85 जिन प्रतिमाओं को श्रावक जन अपने मस्तक तथा पालकी में सुशोभित किए चल रहे थे। चांदी के भव्य विमान मैं भी श्रीजी को विराजीत किया गया था।
उमामिस्त्री की तलैया से प्रारंभ हुई शोभायात्रा धगट चौराहा, जैन धर्मशाला, चौधरी मन्दिर, बड़ा मन्दिर, सिटी नल, पुराना थाना, टाकीज तिराहा, सराफा, घण्टाघर, राय चौराहा, नसिया जी मन्दिर, पलन्दी चौराहा से घण्टाघर, नया बाजार, पलन्दी मन्दिर होकर कार्यक्रम स्थल उमा मिस्त्री की तलैया वापिस पहुची।
जहां कार्यक्रम की सफलता के लिए विधान समिति के संयोजक ज्ञानेंद्र इटोरिया एवं आलोक पलन्दी ने आभार जताया। गौशाला के संयोजक मनीष मलैया ने अभी तक कराए गए कार्य और आगामी योजना की जानकारी दी। शाकाहार उपासना परिसंघ के अध्यक्ष श्रेयांश सराफ, अंकुश जैन ने रविवार को सुबह 7 बजे से होने वाली 170 शांतिधारा की जानकारी दी।
इस मौके पर त्यागी वृति भोजनालय के संचालन हेतु अनेक श्रावक जनों ने दान राशि की घोषणा भी की। 3 जून को जैन धर्मशाला के आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज के समाधि दिवस पर होने वाले कार्यक्रम तथा 4 जून को आचार्य श्री को 108 वाहनों से श्रीफल भेंट करने जबलपुर जाने संबंधी जानकारी प्रदान की गई। तत्पश्चात मुनि संघ के मंगल प्रवचन हुए।
धर्म कार्य के लिए अनुकूलता का इंतजार नही करना चाहिए-मुनि श्री
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